जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, क्योकि उसके स्मार्ट लैंडर फॉर इन्वेस्टिगेटिंग मून (SLIM) ने चन्द्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया हैं,जिसका लक्ष्य चन्द्रमा पर सॉफ्ट-लैंडिंग जाँच में सक्षम देशों के विशिष्ट समूह में शामिल होना हैं ।
SLIM MISSION के बारे में-
Launch Date–6 सितम्बर 2023 UTC & 7 सितम्बर 2023 जापान
Mission Duration-114 दिन 10 घंटे 3 मिनट
*यह एक अंतरिक्ष यान हैं, जिसे जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) द्वारा तनेगाशिमा अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया गया हैं।
*लॉन्च के समय इसका वजन सिर्फ 590 किलोग्राम था, जो चंद्रयान-3 से बहुत कम हैं, जिसका प्रक्षेपण के दौरान वज़न 3900 किलोग्राम था।
*SLIM मिशन को XRISM (X-Ray Imaging And Spectroscopy Mission),नेक्स्ट जनरेशन के एक्स-रे स्पेस टेलीस्कोप के साथ लॉन्च किया गया हैं ।
*SLIM मिशन इस वर्ष चन्द्रमा पर Soft-Landing का दूसरा जापानी प्रयास होगा ।जबकि HAKUTO-R M1,वर्ष की शुरुआत में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था ।
SLIM MISSION की विशेषताएँ-
*इसकी विशेषता ''मून स्नाइपर'' हैं। अर्थात सही जगह पर लैंडिंग करना हैं ।यह विशेष रूप से चुने गए लैंडिंग क्षेत्र से 100 मीटर की सीमा में उतरने का प्रयास करेगा।
*इसकी हल्की डिज़ाइन की लागत कुशल इंजीनियरिंग परीक्षण को व्यक्त करने के साथ-साथ तीव्रता को बढ़ाती हैं |
*चयनित लैंडिंग क्षेत्र शिओली क्रेटर के पास स्थित है,SLIM मिशन JAXA के सेलेन ऑर्बिटर से डाटा का उपयोग करेगा।
*मिशन लुनार एक्सकर्सन व्हीकल (LEV) 1&2 नामक दो छोटे रोवरों को अभिनियोजित करेगा। SLIM के साथ रोवर सामूहिक रूप से लैंडिंग बिंदु के पास चंद्र सतह का अध्ययन करेगा,तापमान एवं विकिरण रीडिंग एकत्र करेंगा तथा चन्द्रमा के आवरण का अध्ययन करने का प्रयास करेगा।
*अंतरिक्ष यान ने होहमन हस्तान्तरण कक्षा नामक मार्ग का अनुसरण किया तथा कमजोर मार्ग पर स्थिरता सीमा सिद्धांत का पालन किया गया।
*इस प्रकार अंतरिक्ष यान को चन्द्रमा की कक्षा तक पहुँचने में 4 महीने लगे ।
SLIM मिशन एवं चंद्रयान-3 की तुलना-
*SLIM चंद्रयान-3 की तुलना में हल्का है इसलिए यह बहुत कम ईंधन वहन करता है। SLIM एक बड़े प्रक्षेपण पथ का अनुसरण करता है जबकि चंद्रयान-3 ईंधन की पर्याप्तता के कारण कम समय लेता हैं ।
*जैसे ही SLIM चन्द्रमा के करीब पहुँचता है यह स्वयं को चन्द्रमा की दिशा में प्रक्षेपित करने की अनुमति देता है, भले ही यह चन्द्रमा की कक्षा से अंतरिक्ष में गहराई तक जाता हो । प्रक्षेपण, पृथ्वी एवं चन्द्रमा द्वारा लगाये गए सयुंक्त बलो का परिणाम हैं। वही चंद्रयान-3 ने चन्द्रमा की कक्षा में पहुंचने पर अपने ब्रेक लगाये, जिसके परिणामस्वरूप अंतरिक्ष में ईंधन की खपत हुई ।
NOTE- UTC-Coordinated Universal Time