क्रिप्टोकरेंसी क्या है और कैसे काम करती है

क्रिप्टोकरेंसी क्या है और कैसे काम करती है

क्रिप्टोकरेंसी क्या है और ये कैसे काम करती है; इन सबको लेकर यदि आपके मन में जो भी प्रश्न है, उन सभी का जवाब इस आर्टिकल में आपको मिल जायेगा|

इस आर्टिकल में :

1-क्रिप्टोकरेंसी क्या है |

2-क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है |

* ब्लाकचेन तकनीक 

3-क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरण

4-क्रिप्टोकरेंसी- कैसे ख़रीदे तथा रखे  

5-क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी स्थिति- भारत तथा विश्व में 

6-भारत की सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC)

7-क्रिप्टोकरेंसी के फ़ायदे तथा नुकसान

क्रिप्टोकरेंसी क्या क्या है -

क्रिप्टोकरेंसी,जिसे क्रिप्टो मुद्रा या क्रिप्टो कहा जाता है | यह मुद्रा का वह रूप है, जो डिजिटल या आभासी मौजूद होती है तथा यह लेन-देन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है | यह विकेन्द्रीकृत प्रणाली पीयर-टू-पीयर नेटवर्क द्वारा संचालित होती है, जिसे ब्लाकचेन कहते है | यह लेन-देन को रिकॉर्ड करने तथा नयी इकाईयों को जारी करने के लिए विकेन्द्रीकृतप्रणाली का उपयोग करती है, क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी किसी भी सरकार या संस्था द्वारा नियंत्रित नहीं होती है | यह एक पीयर-टू-पीयर व्यवस्था है,जिसके माध्यम से ग्राहक किसी को भी पेमेंट कर सकते है | साथ ही साथ ग्राहकों को करेंसी अपने साथ रखने तथा वास्तविक रूप में करेंसी के आदान-प्रदान की जरुरत नहीं होती है| क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल वॉलेट में रखते हैं |

क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल वॉलेट में रखने से लेकर ट्रांजैक्शन करने में आधुनिक लेवल की कोडिंग का इस्तेमाल किया जाता है |

बिटकॉइन (Bitcoin) प्रथम प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है, जो 2009 में आयी थी|

क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है :

क्रिप्टो के साथ लेन-देन सार्वजनिक डिजिटल बही-खाते ब्लाकचेन पर दर्ज किया जाता है | यह डिजिटल बही-खाता विश्व के सभी कंप्यूटरों के एक नेटवर्क द्वारा बनाकर रखा जाता है | साथ-साथ नए लेन-देन को सत्यापित किया जाता है तथा इन कंप्यूटरों द्वारा ब्लाकचेन में जोड़ा जाता है | क्रिप्टोग्राफी के इस विकेन्द्रीकरण के कारण किसी के लिये भी ब्लाकचेन पर रिकॉर्ड किये गए लेन-देन में हेर-फेर करना मुश्किल हो जाता है|

क्रिप्टोकरेंसी का प्रयोग करने के लिये व्यक्तियों को पहले एक डिजिटल वॉलेट प्राप्त करना होगा; जोकि एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है, जो यूजर की निजी व सार्वजनिक कुंजियो को संग्रहित करता है | इन कुंजियों का प्रयोग क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त करने या भेजने के लिए किया जाता है|

क्रिप्टोकरेंसी यूनिट को तैयार करने की प्रक्रिया को 'माइनिंग' कहते है, जिसमे कॉइन जनरेट करने के लिये जटिल गणितीय समीकरणों को हल किया जाता है | जिसके लिए कंप्यूटर की क्षमता का उपयोग किया जाता है |

* ब्लाकचेन तकनीक :

ब्लाकचेन जानकारी रिकॉर्ड करने की एक विधि है, जो सिस्टम को बदलना, हैक करना या हेरफेर करना असंभव बना देती है | ब्लाकचेन एक वितरित डिजिटल बही-खाता है जो ब्लाकचेन में भाग लेने वाले कंप्यूटरों के नेटवर्क पर लेनदेन को डुप्लीकेट व वितरित करता है|

ब्लाकचेन तकनीक एक संरचना है जो पीयर-टू-पीयर नोड्सके माध्यम से जुड़े नेटवर्क में कई डेटाबेस में जनता के लेन-देन सम्बन्धी रिकॉर्ड जिसे ब्लाक भी कहा जाता है, संग्रहित करती है जिसे चेन के रूप में जाना जाता है | इसे ही डिजिटल बही खाता कहा जाता है |

क्रिप्टोकरेंसी क्या है और कैसे काम करती है
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क्रिप्टोकरेंसी के उदाहरण :

1-बिटकॉइन (BTC)-

यह सबसे पहली तथा सर्वाधिक प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है | जिसे 2009 में एक अज्ञात व्यक्ति या सातोशी नाकामोतो नाम का प्रयोग करने वाले लोगों के समूह द्वारा बनाया गया था | इसे प्रथम क्रिप्टो मुद्रा माना जाता है |

2-एथेरियम (ETH)-

दूसरी सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी है | यह एथेरियम नेटवर्क पर लेन-देन शुल्क व सेवाओं के भुगतान के साधन के रूप में स्वयं के क्रिप्टो मुद्रा ईथर का प्रयोग करता है |

3-लाइटकॉइन (LTC)-

यह एक पीयर-टू-पीयर क्रिप्टो मुद्रा है | इसे बिटकॉइन की अपेक्षा लेन-देन को तेजी से करने के लिये डिज़ाइन किया गया|

4-रिप्पल (XRP)-

रिप्पल एक डिजिटल सम्पति व क्रिप्टोकरेंसी है | जिसे 2012 में शीघ्र व सस्ते इंटरनेशनल मनी ट्रान्सफर की सुविधा के लिए डिज़ाइन किया गया है | इसका यूज़ डोलर, यूरो, व बिटकॉइन सहित किसी भी करेंसी को ट्रान्सफर करने के लिये किया जा सकता है | साथ ही डिजिटल करेंसी एक्सचेंजो पर भी कारोबार किया जा सकता है |

5-बिटकॉइन कैश (BCH)-

इसे 2017 में बिटकॉइन फोर्क के परिणामस्वरुप बनाया गया था | बिटकॉइन की तुलना में BCH की आकार सीमा अधिक है, जिस कारण से शीघ्र व सस्ते ट्रांजैक्शन की अनुमति मिलती है | कुछ लोग इसे बिटकॉइन का शुद्ध संस्करण मानते है |

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क्रिप्टोकरेंसी-कैसे ख़रीदे तथा रखे -

चरण-1:प्लेटफॉर्म चुनें-

क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए आपको सर्वप्रथम एक प्लेटफॉर्म चुनना होगा | ये प्लेटफॉर्म या तो ब्रोकर हो सकता है या क्रिप्टो एक्सचेंज |

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज-यह एक ऐसा मंच है जहाँ खरीददार और विक्रेता क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करने के लिए मिलते है | एक्सचेंजो में अक्सर कम शुल्क होता है लेकिन उनके पास कई व्यापार प्रकारों और उन्नत प्रदर्शन चार्ट के साथ अधिक जटिल इंटरफ़ेस होते है, जोकि नए क्रिप्टो निवेशकों के लिए डराने वाला हो सकता है| व़जीरएक्स,कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX),कॉइनस्विच,मुड्रेक्स, ज़ेबपे, Bitbns, यूनोकॉइन, BuyUcoin क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज है |

क्रिप्टोकरेंसी ब्रोकर-ये आपके लिए एक्सचेंजो के साथ इंटरैक्ट करने वाले उपयोग में आसान इंटरफ़ेस की पेशकश करते हुये, क्रिप्टो खरीदने की जटिलता को दूर करते है | कुछ एक्सचेंजो की तुलना में अधिक लेते है | ये ब्रोकर क्रिप्टो के साथ बांड,स्टॉक का भी ऑप्शन देते है |

चरण-2:अपना खाता बनाये तथा सत्यापित करें-

एक बार जब आप प्लेटफॉर्म चुन लेते है तो आप खाता खोलने के लिए साइन अप कर सकते है | आप जिस राशि को खरीदने के लिए योजना बना रहे है उसके आधार पर आपको अपनी पहचान सत्यापित करनी पड़ सकती है | जब तक आप सत्यापन की प्रक्रिया पूरी नहीं कर लेते तब तक आप क्रिप्टोकरेंसी खरीदने तथा बेचने में सक्षम नहीं हो सकते है |

चरण-3:निवेश के लिये नकद जमा करें-

आप बैंक खाते को लिंक करके या डेबिट कार्ड से भुगतान करके अपने क्रिप्टो खाते में पैसा जमा कर सकते है |

चरण-4:अपना क्रिप्टोकरेंसी आर्डर दें-

एक बार जब आपके खाते में पैसा आ जाये तो आप अपना पहला क्रिप्टोकरेंसी आर्डर करने देने के लिये तैयार है |

चरण-5:भंडारण विधि का चयन करे-

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज RBI द्वारा समर्थित नहीं है, उनमे चोरी या हैकिंग का खतरा है |यदि आप अपने खाते का कोड भूल जाते या खो देते है तो आप अपना निवेश भी खो सकते है | इसलिये क्रिप्टोकरेंसी के लिये सुरक्षित भंडारण स्थान होना जरुरी है | यदि आप ब्रोकर के माध्यम से क्रिप्टो खरीद रहे है तो आपके पास क्रिप्टोकरेंसी को संग्रहित करने के बहुत कम या कोई विकल्प नही होगा | यदि आप किसी एक्सचेंज के माध्यम से खरीदते है तो आपके पास अधिक विकल्प होगा | क्रिप्टो संग्रहित करने के दो तरीके है -

Hot Wallet-ये क्रिप्टो वॉलेट है जो ऑनलाइन संग्रहित होते है व इन्टरनेट से जुड़े उपकरणों-टैबलेट्स,कंप्यूटर या फोन पर चलते है | हॉट वॉलेट सुविधाजनक है लेकिन चोरी का खतरा अधिक है क्योंकि यें अभी भी  इन्टरनेट से जुड़े है | इसके लिये किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है |

Cold Wallet-यें इन्टरनेट से नहीं जुड़े होते है, इसलिये यें सबसे अधिक सुरक्षित है | यें USB ड्राइव या हार्ड डिस्क जैसे उपकरणों का रूप लेते है | इसके लिये शुल्क लिया जाता है |

क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी स्थिति-भारत तथा अन्य देशों में:

भारत में -भारत में RBI ने क्रिप्टो के प्रयोग के विरूद्ध कई चेतावनियाँ जारी की है | RBI ने कहा है कि यें निवेशकों के लिये जोखिम पैदा करते है |साथ ही निवेशकों को कोई कानूनी सुविधा प्राप्त नहीं है |

2022 में भारत सरकार ने 2022-2023 बजट में उल्लेख किया है कि किसी भी प्रकार की आभासी मुद्रा के ट्रान्सफर पर 30% टैक्स लगेगा |

विश्व में -वर्तमान समय में अल सल्वाडोर तथा सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक दो ही ऐसे देश है जहाँ पर बिटकॉइन को कानूनी मुद्रा स्वीकार किया गया है |

जापान तथा साउथ कोरिया ने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के लिये नियम जारी किये एवम जर्मनी और स्विट्ज़रलैंड ने बिटकॉइन को भुगतान के कानूनी साधन के रूप में मान्यता दी है | लेकिन चीन और रूस ने क्रिप्टो के उपयोग पर प्रतिबन्ध लगाया है |

भारत की सेंट्रल बैंक डिजिटल मुद्रा :

क्रिप्टोकरेंसी क्या है और कैसे काम करती है

RBI के सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) blockchain पर आधारित है | जिसको RBI द्वारा पूर्ण नियंत्रित तथा विनियमित किया जायेगा | यह फिएट करेंसी जैसी है तथा फ़िएट मुद्रा के साथ one-to-one विनिमय है |

इसे डिजिटल रूपये या ई-रूपये के रूप में भी जाना जाता है |

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे तथा कमियां :

लाभ-

1-तीव्र व किफायती लेन-देन |

2-अन्य वित्तीय संसाधनों की तुलना में क्रिप्टोकरेंसी की कीमत तेजी से बढ़ी है |

3-मुद्रास्फीति विरोधी मुद्रा |

कमियां-

1-अत्यधिक अस्थिर |

2-अनियमित प्रकृति |

3-निश्चित विनियमित तंत्रों का अभाव | 


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