भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करें

भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करें

2009 मेंबिटकॉइन नई पीढ़ी और तकनीशियनों के लिए एक दिलचस्प घटना से ज्यादा कुछ नहीं था। इसके बावजूदतकनीशियनों और भविष्यवादियों ने क्रिप्टोकरेंसी के उज्ज्वल और अच्छे भविष्य की भविष्यवाणी की हैजो अब निवेश के रूप में लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही है। वर्तमान समय में मौजूदा निवेश माहौल ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के प्रति जबरदस्त उत्साह पैदा किया है | अतीत में क्रिप्टोकरेंसी के निवेश में भारी रिटर्न को देख कर भारतीय विशेषकर युवा क्रिप्टोकरेंसी के प्रति आकर्षित हुये हैं | यदि आप भी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना चाहते है और सोच रहे है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करें तो इसकी जानकारी इस लेख में आपको मिल जाएगी |

इस लेख में :

1-क्रिप्टोकरेंसी क्या है

3-लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी

3-भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करें

4-भारत में क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी स्थिति

5-जोख़िम प्रबंधन

6-कर सम्बंधित प्रभाव 

7-भविष्य की प्रवृतियाँ

क्रिप्टोकरेंसी क्या है :

क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है जिसमे लेन-देन सम्बन्धी सभी जानकारियों को कूटबद्ध तरीके से विकेन्द्रित डेटाबेस में रखा जाता है| क्रिप्टोकरेंसी के आविष्कार का मुख्य कारण वित्तीय लेन-देन में बैंको तथा अन्य बिचौंलियों को समाप्त करना है |क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है । यह सूचना पंजीकरण और वितरण की एक श्रृंखला है जिसे किसी एक संस्था द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है | क्रिप्टोकरेंसी में किये गए विनिमय को ब्लाकचेन तकनीक द्वारा कई देशों में फैले डेटाबेस द्वारा सत्यापित किया जाता है |

ये एक दशक से कुछ अधिक समय मेंक्रिप्टोकरेंसी घरेलू रुचि का क्षेत्र बन गई है । कुछ लोग अब क्रिप्टोकरेंसी को एक वैकल्पिक वैश्विक मुद्रा के रूप में देखने लगे हैं जो अंततः संप्रभु मुद्राओं की जगह ले लेगी । लेकिन ऐसे विचार दूर की कल्पनाएँ हैं |

बिटकॉइन पहली क्रिप्टोकरेंसी है, जो 2009 में आयी थी |

भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करें

लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी :

1-बिटकॉइन (BTC)

2-एथेरियम (ETH)

3-लाइटकॉइन (LTC)

4-रिप्पल (XPR)

5-बिटकॉइन कैश (BCH)

6-Tether (USDT)

7-बिनेंस कॉइन (BNB)

8-Solana (SOL)

9-Cardano (ADA)

10-U.S. Doller Coin (USDC)

भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करें :

भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करें

भारत में
, माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने क्रिप्टोकरेंसी को वैधता प्रदान की है, जिससे बाजार को भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है । हालाँकि, कानूनी स्थिति ने डिजिटल करेंसी बाजार को बढ़ावा दिया है । इस कदम ने निवेशकों की रुचि में वृद्धि को उत्प्रेरित किया है, एक प्रमुख प्रवृत्ति जो इस समय भारतीय क्रिप्टो क्षेत्र में स्टार्टअप में देखी जा रही है । हालाँकि, क्रिप्टोकरेंसी अभी भी देश में कई लोगों के लिए एक विदेशी अवधारणा है और जब तक भारत में नियम स्थापित नहीं हो जाते, तब तक ऐसा ही रहने की संभावना है ।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कैसे करें |इस पर संपूर्ण चरण-दर-चरण मार्गदर्शिका यहां दी गई है । इस लेख का एकमात्र उद्देश्य पाठक को क्रिप्टो ट्रेडिंग में शामिल विभिन्न चरणों और प्रत्येक चरण में आने वाली चुनौतियों के बारे में सूचित करना है।

क्रिप्टो निवेश के निम्न चरण 

चरण-1 :

निवेश को समझें और आवंटित करें-

कोई भी निवेश करने से पहले, एक निवेशक को परिसंपत्ति वर्ग और उस परिसंपत्ति वर्ग में निवेश की आवश्यकता को समझना चाहिए। निवेशकों यह समझना चाहिए कि क्रिप्टो बाजार अत्यधिक अस्थिर है,  और पोर्टफोलियो का केवल एक छोटा सा प्रतिशत क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करें | विशेषज्ञों का सुझाव है कि एक निवेशक को पोर्टफोलियो का 5-10 प्रतिशत से अधिक डिजिटल करेंसी में निवेश नहीं करना चाहिए । क्रिप्टोकरेंसी निवेश शेयरों में निवेश के समान है, लेकिन वैसा नहीं है । निवेशकों को यह समझना होगा कि क्रिप्टोकरेंसी विनिमय का एक माध्यम है । पिछले एक दशक में बाज़ार में आई कई क्रिप्टोकरेंसी या तो ख़त्म हो गई हैं या पूरी तरह से गायब हो गई हैं । इसका मतलब है कि आपके द्वारा किया गया कोई भी निवेश शून्य हो सकता हैं |

चरण-2 :

सही क्रिप्टोकरेंसी का चुनाव :

यह किसी भी क्रिप्टो निवेशक के लिए सबसे बड़ी चुनौती है ।बिटकॉइन, एथेरियम, रिप्पल  और कुछ अन्य क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुना होगा । वर्तमान समय में डिजिटल करेंसी की दुनिया में 5,000 से भी अधिक डिजिटल करेंसी उपलब्ध हैं । यह चुनाव को और अधिक जटिल बना देता है । क्रिप्टोकरेंसी की कहानी महज एक दशक पुरानी है. इसकी मात्रा और मूल्य को देखते हुए, बिटकॉइन सबसे अधिक कारोबार की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी हैं| कई निवेशकों के लिए, यह लगभग' क्रिप्टोकरेंसी' का पर्याय है । हालाँकि, कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी ने इसकी की तुलना में बहुत बेहतर प्रदर्शन किया है ।

चरण-3 :

क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जाने :

किसी भी अन्य परिसंपत्ति वर्ग की तरह, डिजिटल करेंसी के भी अपने बुनियादी सिद्धांत हैं । विशेषज्ञों का सुझाव है कि वे अलग-अलग ब्लॉकचेन तकनीकी द्वारा समर्थित हैं, पहुंच, माइनिंग प्रक्रिया और मूल्य मुख्य बिंदु हैं जिन पर ध्यान देना चाहिए ।

चरण-4 :

प्लेटफ़ॉर्म का चुनाव करें :

बैंक और निवेश ब्रोकरेज फर्म क्रिप्टोकरेंसी खरीदने की पेशकश नहीं करते हैं । ये डिजिटल करेंसी केवल समर्पित क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों तथा क्रिप्टोकरेंसी ब्रोकर्स से ही खरीदे जा सकते हैं । कोई भी क्रिप्टोकरेंसी सीधे एक्सचेंज से या किसी क्रिप्टोकरेंसी ब्रोकर्स से खरीद सकता है जो अपनी वर्तमान होल्डिंग बेच रहा है । हालाँकि, निवेशकों को यह समझना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग अभी भी अनसुलझी है ।

चरण-5 :

अपनी क्रिप्टोकरेंसी स्टोर करें :

क्रिप्टोकरेंसी को खरीदने के बाद उसको क्रिप्टो वॉलेट में संग्रहित किया जाता है, जो या तो हॉट या कोल्ड वॉलेट होते हैं । हॉट वॉलेट इंटरनेट से जुड़े होते हैं, और कोल्ड वॉलेट इन्टरनेट से नहीं जुड़े होते हैं । यह थोड़ी जटिल और अनोखी प्रक्रिया है | यह वॉलेट कोई भौतिक वॉलेट नहीं है बल्कि एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जिसे विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है । यह निजी और सार्वजनिक कुंजी संग्रहीत करता है जो उपयोगकर्ता को उस ब्लॉकचेन से जोड़ता है जहां उसकी क्रिप्टोकरेंसी मौजूद है । यें आपको सार्वजनिक और निजी कुंजी के साथ ब्लॉकचेन पर क्रिप्टोकरेंसी तक पहुंचने में मदद करते हैं । उपयोगकर्ता को लेन-देन पूरा करने के लिए दोनों की आवश्यकता होती है । उन्हें' कुंजी' कहा जाता है क्योंकि वे ब्लॉकचेन पर क्रिप्टोकरेंसी को अनलॉक करते हैं ।  डेस्कटॉप वॉलेट, ऑनलाइन वॉलेट, मोबाइल वॉलेट और हार्डवेयर वॉलेट जैसे कई डिजिटल वॉलेट हैं । सुरक्षा और सुविधा के बीच संतुलन के आधार पर वॉलेट का चयन करना चाहिए । कुछ एक्सचेंज उपयोगकर्ताओं को डिजिटल वॉलेट प्रदान करते हैं।

चरण-6 :

क्रिप्टो वॉलेट को सुरक्षित करें :

अपनी क्रिप्टोकरेंसी की सुरक्षा करना एक महत्वपूर्ण पहलू है । यह और भी उल्लेखनीय हो जाता है यदि आप उत्पाद खरीदने के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर रहे हैं या आपके पास एक हॉट वॉलेट है । इसलिए, जब क्रिप्टो ऑनलाइन होता है, तो किसी को इसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता होती है। आमतौर पर, लोग सुरक्षित और एन्क्रिप्टेड ऑनलाइन लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए VPN (वर्चुअली प्राइवेट नेटवर्क) का उपयोग करना पसंद करते हैं । डेटा एन्क्रिप्शन का मतलब है कि कोई भी उपयोगकर्ता के ऑनलाइन लेनदेन को नहीं देख सकता है । यह सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत है जो सुनिश्चित करती है कि उपयोगकर्ताओं का डेटा और क्रिप्टो खरीदारी पूरी तरह से गुमनाम रहे । इससे दूसरों के खातों को हैक करना कठिन हो जाता है, खासकर उन उपयोगकर्ताओं के लिए जिनके पास बहुत अधिक क्रिप्टोकरंसी है ।

चरण-7 :

लाभ बुक करने के लिए होल्ड करें और बेचें:

क्रिप्टोकरेंसी के बारें में हम अभी जितना जानते हैं उसका उपयोग उससे अधिक हो सकता हैं| इसलिये किसी को भी इन्हें जल्दी अमीर बनने की योजना के रूप में नहीं लेना चाहिए । क्रिप्टो खरीदने वाले निवेशकों को अपने निवेश का आकलन समय-समय पर करते रहना चाहिये तथा मुनाफा बुक करना चाहिए ।साथ ही पता होना चाहिए कि निवेश के अन्य तरीकों की तुलना में क्रिप्टो बाजार अभी बहुत नया है । तो लोग डिजिटल करेंसी बाज़ार में प्रवेश करेंगे, हलचल पैदा करेंगे, और निकल जायेंगे । अत निवेशकों को ऐसी परिस्तिथियों के बारें में पता होना चाहिये ताकि समय पर अपना मुनाफा कमा सकें।

Read More- क्रिप्टोकरेंसी क्या है और कैसे काम करती है

भारत में क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी स्थिति :

वर्तमान में भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर कोई प्रतिबन्ध नहीं है | हालांकि RBI ने पहले बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन का समर्थन करने से रोक दिया था लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश को पलट दिया था | RBI ने क्रिप्टोकरेंसी के प्रति अपने दृष्टिकोण को बार-बार रेखांकित करते हुए कहा की क्रिप्टो देश की आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिये एक गंभीर खतरा है | RBI ने स्वयं की एक डिजिटल मुद्रा सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) जारी की हैं|

भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन के किये कानून बनाने पर काम कर रही हैं |

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जोख़िम प्रबंधन :

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से पहले उसके जोख़िम प्रबंधन पर ध्यान करना चाहिये | बिटकॉइन एवम एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी के मूल्य में बहुत कम समय में नाटकीय रूप से उतार-चढ़ाव होता रहता है | इस अस्थिरता से लाभ भी हो सकता है और हानि भी | जैसे 2017 में बिटकॉइन $20000 के करीब पहुँच गया और केवल एक साल बाद $3500 से नीचे आ गया | हालांकि 2020 के अंत तक फिर से $20000 को पार कर गया | फिलहाल इस समय बिटकॉइन का मूल्य $42500 (जनवरी 2024) के ऊपर है | अस्थिरता का यह स्तर निवेशकों के लिये एक अद्वितीय जोख़िम प्रबंधन चुनौती प्रस्तुत करता है |

एक मानकीकृत वैश्विक नियामक ढांचे की कमी इस क्षेत्र में काम करने वाले निवेशकों के लिये एक महत्वपूर्ण जोख़िम प्रस्तुत करती हैं | यह परिदृश्य को अनिश्चित बनाता हैं और निवेशकों को संभावित कानूनी और अनुपालन जोखिमों के अधीन कर देता हैं |

धोखाधडी और साइबर सुरक्षा भी महत्वपूर्ण चिंताएं हैं | डिजिटल सम्पति के रूप में क्रिप्टोकरेंसी साइबर अपराधियों के लिए आकर्षक लक्ष्य हैं |

इन जोख़िमों के प्रबंधन के लिये बहुआयामी दृष्टिकोणों की आवश्यकता हैं | सबसे पहले शिक्षा महत्वपूर्ण हैं, निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी की कार्यप्रणाली, उनसे जुड़े जोखिमों और जिस परिदृश्य में वे काम करते है, उसे पूरी तरह से समझना चाहिये | इस जटिल नियामक वातावरण से निपटने में क्रिप्टोकरेंसी विशेषज्ञता वाले कानूनी और वित्तीय विशेषज्ञों को शामिल करना अमूल्य हो सकता हैं |

Read More-कौन सी क्रिप्टोकरेंसी खरीदनी चाहिये

कर सम्बन्धी प्रभाव :

2022 में भारत सरकार ने 2022-2023 के बजट में उल्लेख किया की किसी भी प्रकार की आभासी मुद्रा के ट्रान्सफर पर 30% टैक्स लगेगा |

भविष्य की प्रवृतियाँ :

क्रिप्टोकरेंसी पर कानूनी स्पष्टता उसको व्यापक रूप से अपनाने एवम उपयोग के लिये महत्वपूर्ण हैं| जब सरकारें क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक निश्चित रूपरेखा प्रदान करती है तो व्यवसायों तथा निवेशकों के लिए निवेश करना और उनका उपयोग करना आसान हो जाता हैं | यह उद्योग में नवाचार और विकास को भी बढावा देता हैं |

अल सल्वाडोर तथा सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मुद्रा के रूप में मान्यता दी है | इससे पता चलता हैं की सरकारें इस नयी तकनीक को अपना सकती हैं और इनके फलने फूलने के लिए अनुकूल वातावरण बना सकती हैं |

एक मजबूत नियामक तंत्र के साथ क्रिप्टोकरेंसी लांच करने से इसका उचित उपयोग हो सकता हैं | क्रिप्टोकरेंसी का पूर्ण प्रतिबन्ध नवाचार को बाधित कर सकता हैं तथा समाज को इसके लाभ से सीमित कर सकता हैं | 




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