16वां वित्त आयोग:केंद्रीय सरकार ने अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में 16 वें वित्त आयोग के लिये सन्दर्भ की शर्तों को हरी झंडी दी

हॉल ही में केंद्र सरकार ने अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में 16 वें वित्त आयोग के लिए सन्दर्भ की शर्तों को हरी झंडी दी | इस लेख में वित्त आयोग क्या है,16वा वित्त आयोग,उसके अध्यक्ष, सन्दर्भ की शर्तों के बारे में बताया गया है |

इस लेख में-

1-वित्त आयोग क्या है 

2-16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष 

3-भूतपूर्व अध्यक्षों की लिस्ट 

4-16वें वित्त आयोग के लिये सन्दर्भ की शर्तें 

5-15वां वित्त आयोग तथा उसकी सिफारिशें 

केंद्र सरकार ने अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में 16 वें वित्त आयोग के लिये सन्दर्भ की शर्तों को हरी झंडी दी
वित्त आयोग क्या है-

भारत के संविधान में अनुच्छेद 280 के अंतर्गत अर्द्ध-न्यायिक निकाय के रूप में वित्त आयोग की व्यापक व्यवस्था की गयी है|

वित्त आयोग में एक अध्यक्ष तथा चार अन्य सदस्य होते है, जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है | उनका कार्यकाल राष्ट्रपति के आदेश के तहत तय होता है| उनकी पुनर्नियुक्ति भी हो सकती है | अध्यक्ष सार्वजनिक मामलों का अनुभवी होना चाहिये और अन्य चार सदस्यों को निम्न में से चुना जाना चाहिये-
(A) किसी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश या इस पद के लिये योग्य व्यक्ति |
(B) ऐसा व्यक्ति जिसे भारत के लेखा एवम वित्त मामलों का विशेष ज्ञान हो |
(C) ऐसा व्यक्ति जिसे प्रशासन और वित्तीय मामलों का व्यापक अनुभव हो |
(D) ऐसा व्यक्ति जो अर्थशास्त्र का विशेष ज्ञाता हो |

वित्त आयोग, भारत के राष्ट्रपति को निम्न मामलों पर सिफारिशें करता है-

1-संघ तथा राज्यों के बीच करों का वितरण तथा आवंटन |
2-भारत की संचित निधि से राज्यों के राजस्व में सहायता अनुदान को शासित करने वाले सिद्धांत |
3-राज्य वित्त आयोग द्वारा की गयी सिफारिशों के आधार पर राज्य में नगरपालिकाओं और पंचायतों के संसाधनों की अनुपूर्ति के लिये राज्य की संचित निधि के संवर्धन के लिये आवश्यक उपाय 
4-राष्ट्रपति द्वारा आयोग को सुदृढ वित्त के हित में निर्दिष्ट कोई अन्य विषय |

वित्त आयोग अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है, जिसे राष्ट्रपति संसद के दोनों सदनों में रखते है |

यह स्पष्ट करना आवश्यक होगा कि वित्त आयोग की सिफारिशों की प्रकृति सलाहकारी होती है और इनको मानने के लिए सरकार बाध्य नहीं होती है | यह केंद्र सरकार पर निर्भर होता हैं कि वह राज्य सरकारों को दी जाने वाली सहायता के सम्बन्ध में आयोग की सिफारिशों को लागू करें |

भारतीय संविधान में इस बात की परिकल्पना की गयी है कि वित्त आयोग भारत में राजकोषीय संघवाद के संतुलन की भूमिका निभाएगा |

16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष-

केंद्र सरकार ने अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में 16 वें वित्त आयोग के लिये सन्दर्भ की शर्तों को हरी झंडी दी
16 वें वित्त आयोग के एडवांस सेल का गठन 21 नवंबर 2022 को वित्त मंत्रालय में किया गया था, जिससे आयोग के औपचारिक गठन तक प्रारंभिक कार्य की निगरानी की जा सके|

केंद्र सरकार ने अरविंद पनगढ़िया को 16 वें वित्त आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया है |16 वें वित्त आयोग के पास 1 अप्रैल 2026 से शुरू होने वाले आगामी 5 वर्ष की अवधि के लिए केंद्र तथा राज्यों के मध्य राजस्व वितरण के फ़ॉर्मूले की सिफारिश करने की जिम्मेदारी है|

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भूतपूर्व अध्यक्षों की लिस्ट-

वित्त आयोग    अध्यक्ष     नियुक्ति वर्ष    क्रियान्वयन

                                                               का वर्ष

प्रथम             के.सी.नियोगी       1951       1952-57

द्वितीय           के.संथानम           1956       1957-62

तृतीय            ए.के.चंदा             1960       1962-66

चतुर्थ             पी.वी.राज्मन्नार     1964       1966-69

पंचम             महावीर त्यागी       1968       1969-74

छटवां           ब्रम्हानंद  रेड्डी        1972        1974-79

सातवां         जे.एम.सेलात         1977       1979-84

आठवां       वाई.बी चौहान      1982        1984-89

नवां             एन.के.साल्वे          1987        1989-95

दसवां        के.सी.पन्त           1992        1995-2000

ग्याहरवां     ए.एम.खुसरो          1998        2000-05

बारहवां      डॉ.सी.रंगराजन       2002        2005-10

तेरहवां        डॉ.विजय केलकर  2007        2010-15

चौदहवां      वाई.वी.रेड्डी            2013        2015-20

पन्द्रहवां      एन.के.सिंह             2018       2020-25

16वें वित्त आयोग के लिये सन्दर्भ की शर्तें-

संविधान के अध्याय I भाग XII के तहत केंद्र सरकार एवम राज्यों के मध्य करों के वितरण की सिफारिश करना | कर आय से राज्यों के मध्य शेयरों का आवंटन करना | 

भारत की संचित निधि से राज्यों को सहायता अनुदान को नियंत्रित करने वाले नियमों की स्थापना करना | इसमें अनुच्छेद 275 के तहत उस अनुच्छेद के खंड (1) के प्रावधानों में उल्लेखित उद्देश्यों के लिए राज्यों को सहायता अनुदान के रूप में प्रदान की जाने वाली राशि का निर्धारण भी शामिल है |

स्थानीय निकायों के लिए राज्य निधि को बढ़ाना जिसके लिए राज्य की समेकित निधि को बढ़ाने के उपायों की पहचान करना|

आपदा प्रबंधन वित्तपोषण का मूल्यांकन करना | जिसमे आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत बनाये गए फण्ड की जाँच करना तथा सुधार के लिए उपयुक्त  सिफारिशें प्रस्तुत करना |

15वां वित्त आयोग तथा उसकी सिफारिशें-

15वां वित्त आयोग एन.के.सिंह के नेतृत्व में 27 नवम्बर 2017 में गठित किया गया था | जिसकी सिफारिशें वित्तीय वर्ष 2025-2026 तक मान्य हैं |

15वें वित्त आयोग ने वर्ष 2021-26 की अवधि के लिए केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 41% बनाये रखने का प्रस्ताव रखा, जोकि 14वें वित्त आयोग द्वारा 2015-20 के दौरान आवंटित 42% से कम है | इस 1% समायोजन का उद्देश्य केंद्रीय संसधानों से J&K तथा लद्दाख को समायोजित करना |

15वें वित्त आयोग ने सिफारिश की थी केंद्र का लक्ष्य 2025-26 तक अपने राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4% तक सीमित करना हैं |

रक्षा एवम आंतरिक सुरक्षा निधि रिपोर्ट में रक्षा तथा आंतरिक सुरक्षा के लिए एक आधुनिकरण निधि स्थापित करने का सुझाव दिया गया हैं, जो भारत के समेकित निधि व अन्य स्रोतों के माध्यम से वित्तपोषित है|

वार्षिक केंद्र प्रायोजित योजनाओं, पारदर्शी फंडिंग पैटर्न और अनावश्यक योजनाओं को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने हेतु स्थिर वित्तीय आवंटन के लिए सीमा निर्धारित करना |

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