भ्रष्टाचार बोध सूचकांक 2023

हॉल ही में ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा भ्रष्टाचार बोध सूचकांक 2023 (Corruption Perceptions Index-CPI) को जारी किया गया है, जिसके अनुसार अधिकांश देशों ने सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार का समाधान करने में बहुत कम प्रगति या कोई प्रगति नहीं की हैं | इस लेख में भ्रष्टाचार बोध सूचकांक क्या है,उसकी विशेषतायें, भारत की स्थिति आदि के बारें जानेंगें |

इस लेख में-

1-परिचय

2-भ्रष्टाचार क्या हैं 

3-भ्रष्टाचार बोध सूचकांक 2023 की मुख्य बातें 

4-भारत की स्थिति

5-2023 में भारत के पड़ोसियों की स्थिति

6-भ्रष्टाचार से निपटने के लिये भारतीय पहल

परिचय-

भ्रष्टाचार बोध सूचकांक 2023

source-https://www.transparency.org/en/cpi/2023

हॉल ही में ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने विश्व भर के 180 देशों तथा क्षेत्रों को उनके सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के अनुमानित स्तर पर रिपोर्ट कार्ड जारी किया हैं| भ्रष्टाचार बोध सूचकांक (CPI) पर 0 (अत्यधिक भ्रष्ट) से 100 (भ्रष्टाचार मुक्त) के पैमाने पर स्कोर किया जाता हैं |

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल-

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल एक अन्तराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है | जिसको 1993 में बर्लिन(जर्मनी) में स्थापित किया गया था|

इसका मुख्य उद्देश्य नागरिक सामाजिक भ्रष्टाचार-रोधी उपायों के द्वारा वैश्विक भ्रष्टाचार का समाधान करना है और भ्रष्टाचार से उत्पन्न होने वाली आपराधिक गतिविधयों को रोकने हेतु कार्यवाही करना|

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर तथा करप्शन परसेप्शन इंडेक्स जारी करता हैं|

भ्रष्टाचार क्या हैं-

जब व्यक्ति अथवा संस्थायें बेईमानी के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए मिलकर साजिश रचते हैं| अर्थात व्यक्तिगत लाभ के लिए सार्वजनिक शाक्ति का दुरूपयोग करना भ्रष्टाचार कहलाता हैं| भ्रष्टाचार के व्यापकता के कारण-राजनीतिक संरक्षण, वेतन असमानता आदि|

भ्रष्टाचार का प्रभाव-

सेवाओं में गुणवत्ता का अभाव |

उचित न्याय का अभाव |

सरकार में अविश्वास |

विदेशी निवेश में कमी |

लालफीताशाही |

प्रतिस्पर्धा का अभाव |

भ्रष्टाचार बोध सूचकांक 2023 की मुख्य बातें-

भ्रष्टाचार बोध सूचकांक 2023
2/3 से अधिक देशों का स्कोर 50 से कम रहा जो इंगित करता हैं कि उनमें भ्रष्टाचार की गंभीर समस्यायें मौजूद है |

वैश्विक औसत स्कोर केवल 43 रहा साथ ही साथ कई देशों ने पिछले दशक की तुलना में कोई प्रगति नहीं की या उसमे गिरावट आयी है |

शीर्ष 3 देश - डेनमार्क, फ़िनलैंड तथा न्यूजीलैंड| डेनमार्क 90 के स्कोर के साथ निरंतर 6 वें वर्ष सूचकांक में शीर्ष पर रहा तथा फ़िनलैंड & न्यूजीलैंड का स्कोर क्रमशः 87 तथा 85 रहा|

निम्न स्कोर प्राप्तकर्ता- सोमालिया, वेनेजुएला, सरिया, दक्षिणी सूडान, तथा यमन जिनका स्कोर क्रमशः 11,13,13,13 रहा सूचकांक में सबसे नीचे रहे | ये सभी देश लम्बे समय से संकटों तथा सशस्त्र संघर्षों से प्रभावित रहे हैं |

Rule Of Law Index के अनुसार विश्वभर में न्यायिक प्रणलियों के सञ्चालन में गिरावट देखी जा रही हैं| Rule Of Law Index World Justice Project (WJP) द्वारा प्रकाशित किया जाता हैं | यें सूचकांक विधि सम्मत शासन के कई आयामों पर डेटा प्रदान करता हैं| Rule Of Law Index में सबसे कम स्कोर वाले देश भ्रष्टाचार बोध सूचकांक (CPI) में भी बहुत कम स्कोर कर रहे हैं |

रिश्वतखोरी तथा सत्ता के दुरूपयोग जैसे भ्रष्टाचार भी दुनिया भर में अदालतों एवम अन्य न्यायिक संस्थानों में घुसपैठ कर रहे हैं |

मुख्य सिफारिशें-

भ्रष्टाचार तब तक बढता रहेगा जब तक न्याय प्रणालियाँ गलत कार्यों को दण्डित नहीं करेगी|जब भ्रष्टाचार रहता हैं तो आम जनता को परेशानियाँ उठानी पड़ती हैं |

सरकार द्वारा यह सुनिश्चित किया जाये कि लोगों को प्रभावी ढंग से न्याय मिल सके |

भारत की स्थिति-

भ्रष्टाचार बोध सूचकांक 2023

भ्रष्टाचार बोध सूचकांक (CPI) 2023 में भारत 180 देशों में 93 वें स्थान पर था | भारत का स्कोर 39 रहा | 2022 में भारत की रैंक 85वीं थी | पहले के वर्षों में भारत का स्कोर-

2018-41

2019-41

2020-40

2021-40

2022-40

2023-39

2023 में भारत के पड़ोसियों की स्थिति-

चीन-चीन की रैंक 76 वीं रही | चीन ने पिछले दशक से भ्रष्टाचार में लिप्ट 3.7 मिलियन सरकारी लोगों को दण्डित कर अपनी आक्रामक भ्रष्टाचार विरोधी कार्यवाही की |

पकिस्तान-पकिस्तान की रैंक 133 वीं रही |

श्रीलंका-श्रीलंका की रैंक 115 वीं रही |

बांग्लादेश-बांग्लादेश की रैंक 149 वीं रही | बांग्लादेश हाल ही में सबसे कम विकसित देश (LDC) की श्रेणी से बाहर आया हैं |

भ्रष्टाचार से निपटने के लिये भारतीय पहल-

भारतीय दंड सहिंता 2023 (पूर्व में-भारतीय दंड सहिंता 1860)

1-भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988

2-धन शोधन निवारण अधिनियम 2002

3-विदेशी अंशदान(विनियम) अधिनियम 2010

4-कंपनी अधिनियम 2013

5-लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम 2013

6-केंद्रीय सतर्कता आयोग 

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने