Global Peace Index 2025:हॉल ही में वैश्विक शांति सूचकांक 2025 (GPI) जारी किया गया जिसके अनुसार वैश्विक शांति का औसत स्तर 0.36% घटा है |यह कमी बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव तथा आर्थिक अनिश्चितता को दर्शाता है |इस लेख में वैश्विक शांति सूचकांक के विषय में तथा इस सूचकांक में भारत की स्थिति पर चर्चा करेंगे |
वैश्विक शांति सूचकांक क्या है-

यह एक महत्वपूर्ण सूचकांक है, जो यह बताता है कि कोई राष्ट्र या क्षेत्र कितना शांतिपूर्ण है |वैश्विक शांति सूचकांक की शुरुआत एक ऑस्ट्रेलियाई प्रोद्योगिकी उद्यमी तथा समाज-सेवक स्टीव किल्लेली ने की थी |यह सूचकांक ऑस्ट्रेलियाई थिंक टैंक इंस्टिट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस द्वारा जारी किया जाता है |
इस सूचकांक में निम्नलिखित 3 प्रमुख शर्तों के अनुसार देशों की रैंकिंग की जाती है-
1-सामाजिक सुरक्षा तथा सुरक्षा का स्तर |
2-देशों में होने वाले आंतरिक तथा बाह्य संघर्ष के आधार पर |
3-सैन्यीकरण की सीमा के आधार पर |
संभावित जलवायु परिवर्तन को भी इसके अंतर्गत एक नए मानक के रूप में शामिल किया गया है |
भारत की स्थिति के बारे में-

→ भारत का वैश्विक शांति सूचकांक स्कोर 2.229 है तथा वह 115वें स्थान पर है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 0.58 प्रतिशत बेहतर है |
→ भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी रैंकिंग में सुधार किया है |2024 में 116वां, 2023 में 126वां, 2020 में 139वां तथा 2019 में 141वां स्थान हासिल किया था |
→ दक्षिण एशिया क्षेत्र, जोकि दुनिया का दूसरा सबसे कम शांतिपूर्ण क्षेत्र है, में भारत ने 9 संकेतकों में सुधार किया |
→ भारत बांग्लादेश (123वां स्थान), पाकिस्तान (144वां स्थान) तथा अफगानिस्तान (158वां स्थान) से ऊपर है |
अन्य देशों की स्थिति-
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*आइसलैंड विश्व का सर्वाधिक शांतिपूर्ण देश है |आइसलैंड को वैश्विक शांति सूचकांक में 1.095 स्कोर प्राप्त हुआ है |
*रूस-3.441 के वैश्विक शांति सूचकांक स्कोर के साथ दुनिया का सबसे कम शांतिपूर्ण देश बन गया है|
*रूस के बाद दुनिया का दूसरा सबसे कम शांतिपूर्ण देश है यूक्रेन है |यूक्रेन को वैश्विक शांति सूचकांक में 3.434 स्कोर प्राप्त हुआ है |
*मध्य पूर्व तथा उत्तरी अफ्रीका-यह क्षेत्र लगातार विश्व का सबसे कम शांतिपूर्ण क्षेत्र बना हुआ है |