Green Credit Program (GCP):क्या है ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम जिससे सुधरेगी वातावरण की सेहत !

हमारे शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य के सेहत में सुधार के लिये पर्यावरण की सेहत में सुधार होना अति आवश्यक है, क्योंकि स्वस्थ पर्यावरण मानव जीवन के लिये आवश्यक है |पर्यावरण में संतुलन बना रहे इसके लिये विश्व भर में प्रयास किये जा रहे है |इसी को दृष्टिकोण में रखते हुये भारत सरकार ने विभिन्न कार्यक्रमों की शुरुआत की है |जिसमें से एक नवीन तथा स्वैच्छिक ग्रीन क्रेडिट परियोजना है |

हॉल ही में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने अपने ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम के लिये नियमों की घोषणा की है जिसके तहत कुछ ही समय के अन्दर 10 राज्यों ने लगभग 3853 हेक्टेयर की मात्र में में निम्नीकृत वन भूमि की पहचान की है |इस लेख में ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम के बारें में कि ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम क्या है, इससे होने वाले फायदे तथा कैसे इस प्रोग्राम के माध्यम से हम वातावरण की सेहत में सुधार कर सकते है |

Green Credit Program (GCP):क्या है ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम जिससे सुधरेगी वातावरण की सेहत !

इस लेख में-

1-ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम क्या है |

2-ग्रीन क्रेडिट कैसे प्राप्त करें |

3-ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम का महत्व |

4-ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम से लाभ |

5-ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम के संबंध में चिंताएं |

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम क्या है-

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम LIFE (पर्यावरण के लिये जीवन शैली) अभियान से उपजी एक स्वैच्छिक पहल है |इस प्रोग्राम का उद्देश्य विभिन्न हितधारकों को पर्यावरणीय कार्यवाई करने के लिये प्रोत्साहित करते हुये एक प्रतिस्पर्धी, बाजार-आधारित दृष्टिकोण स्थापित करना |यह प्रोग्राम अपने प्रारंभिक चरण में दो प्रमुख गतिविधियों-जल संरक्षण तथा वनीकरण पर ध्यान केन्द्रित करेगा |इसे व्यक्तियों, उद्योगों तथा स्थानीय निकायों को उनके स्वैच्छिक पर्यावरणीय कार्यों को बढ़ावा देने के लिये डिज़ाइन किया गया है |इस कार्यक्रंम को कई चरणों में लागू किया जायेगा |प्रारंभिक चरण में, चुने हुये क्षेत्रों में 2 से 3 गतिविधियों पर विचार किया जायेगा तथा बाद में अन्य गतिविधियाँ जोड़ी जायेंगी |

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम की नोडल एजेंसी-पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय है |इस कार्यक्रम की घोषणा पहली बार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2023-24 के बजट में की थी |पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 26 जून, 2023 को ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम कार्यान्वयन नियम 2023 का मसौदा प्रस्तावित किया था जबकि ये योजना अक्टूबर 2023 में लॉन्च की गई थी |GCP जलवायु परिवर्तन स्थिरता और पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिये एक राष्ट्रीय पहल है |

इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करना तथा बाजार के माध्यम से एक पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली को बढ़ावा देना है |इस परियोजना के तहत पर्यावरण को लाभ पहुँचाने वाले कार्यों को शामिल किया जाता है जैसे-

1-वृक्षारोपण

2-जल प्रबंधन

3-टिकाऊ कृषि

4-अपशिष्ट प्रबंधन

5-वायु प्रदूषण में कमी

6-मैन्ग्रोव संरक्षण

7-टिकाऊ भवन

8-इकोमार्क लेबल विकास

इस योजना के अनुसार व्यक्ति, उद्योग, किसान उत्पादक संगठन (FPO), शहरी स्थानीय निकाय, ग्राम पंचायतें तथा निजी क्षेत्र सहित कई अन्य संस्थाएं पर्यावरण अनुकूल कार्य करने तथा ग्रीन क्रेडिट अर्जित करने के लिये सक्षम होती है |इस प्रकार ग्रीन क्रेडिट पर्यावरण के प्रति सकारात्मक विकास में लगे व्यक्तियों और संस्थाओं को प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन की इकाई है, जिससे कि हमारा पर्यावरण संतुलन बना रहे |ये पर्यावरण संरक्षण की दिशा में योगदान देने के लिये विभिन्न हितधारकों को प्रोत्साहित करने के लिये सरकार द्वारा शुरू किया गया एक स्वैच्छिक कार्यक्रम है |

ग्रीन क्रेडिट कार्यक्रम में पर्यावरणीय संतुलन को बढ़ाने के लिये विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को शामिल किया जाता है |जैसे कि वृक्षारोपण, जल संसाधनों का संरक्षण, पर्यावरण-अनुकूल तथा टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना, अपशिष्ट प्रबंधन के लिये अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को लागू करना, वायु प्रदूषण को कम करने के साथ ही वायु गुणवत्ता में सुधार करना आदि शामिल है |इसके अलावा पारिस्थितिक संतुलन के लिये मैन्ग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा तथा सुरक्षा देना |

ग्रीन क्रेडिट कैसे प्राप्त करें-

इसके लिये व्यक्ति या संस्थाओं को ऑनलाइन अपनी पर्यावरणीय गतिविधियों को भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद् (ICFRE) में पंजीकृत करना होता है |फिर इन गतिविधियों को एक एजेंसी द्वारा सत्यापित किया जाता है |सत्यापन होने के बाद में एजेंसी की रिपोर्ट के आधार पर आवेदन करने वाले को ग्रीन क्रेडिट का प्रमाणपत्र प्रदान कर दिया जाता है |

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम का महत्व-

1-इसके माध्यम से उत्पन्न ग्रीन क्रेडिट का घरेलू बाजार मंच पर कारोबार किया जा सकता है |

2-ये ग्रीन क्रेडिट कार्बन क्रेडिट की मौजूदा चर्चा से अलग होंगें |

3-यदि इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी या निष्कासन होता है, तो इसके तहत ग्रीन क्रेडिट उत्पन्न करने वाली किसी भी गतिविधि को कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना के तहत कार्बन क्रेडिट भी प्राप्त होगा |

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम से लाभ-

1-यह योजना वन क्षेत्र के बाहर रहने वाले लोगों को भी वृक्षारोपण के लिये प्रोत्साहित करती है |

2-इससे वनों का क्षेत्र बढ़ाने तथा पर्यावरण को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी |

3-इस प्रोग्राम के द्वारा भारत सतत विकास लक्ष्य तथा कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में आगे बढ़ सकता है |

4-इस योजना के माध्यम से पर्यावरण में सुधार को गति मिल सकती है तथा साथ ही ये वन विभाग को पेड़ काटने के बदले पेड़ लगाने की प्रक्रिया को भी आसान बनाता है |

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम के संबंध में चिंताएं-

1-ग्रीन क्रेडिट को प्राप्त करने की प्रक्रिया जटिल तथा समय लेने वाली हो सकती है |

2-लोगों में इस योजना के प्रति अभी जागरूकता का अभाव है |जिस कारण से ये योजना कुछ लोगों तक ही सीमित है |

3-कार्बन क्रेडिट के साथ अनुकूलता के संबंध में-हालांकि कार्बन क्रेडिट तथा ग्रीन क्रेडिट दोनों स्वतंत्र है, परन्तु दोनों पर्यावरणीय क्रेडिट के मध्य संभावित ओवरलैप की जटिलता के बारें में चिंता पैदा होती है |

4-हालांकि अभी इस योजना पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी क्योंकि ये योजना हॉल ही प्रारंभ हुई है तथा ये देखना भी बाकी है कि यह योजना कितनी प्रभावी है |

FAQ-

1-कार्बन क्रेडिट की अवधारणा उत्पन्न हुई ?

क्योटो प्रोटोकाल |

2-ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम क्या है ?

ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम LIFE (पर्यावरण के लिये जीवन शैली) अभियान से उपजी एक स्वैच्छिक पहल है |इस प्रोग्राम का उद्देश्य विभिन्न हितधारकों को पर्यावरणीय कार्यवाई करने के लिये प्रोत्साहित करते हुये एक प्रतिस्पर्धी, बाजार-आधारित दृष्टिकोण स्थापित करना |

3-ग्रीन क्रेडिट कब शुरू की गई ?

13 अक्टूबर 2023

4-ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम की नोडल एजेंसी कौन सी है ?

पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय 

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