Bionic Eye:विश्व की पहली बायोनिक आँख बनकर तैयार,क्या बायोनिक आँख से रोशनी वापस आ सकती है ?

इस लेख में एक ऐसी तकनीक खोज Bionic Eye के बारे में चर्चा करेंगे जोकि अंधेपन का इलाज कर सकती है |इस लेख में इस बायोनिक आँख के विषय में चर्चा करेंगे |

Bionic Eye क्या है-

Bionic Eye:विश्व की पहली बायोनिक आँख बनकर तैयार,क्या बायोनिक आँख से रोशनी वापस आ सकती है ?

ऑस्ट्रेलिया के मोनाश यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने विश्व का पहला बायोनिक आई विकसित किया है |इसे Gennaris Bionic Vision System (जेनारिस बायोनिक विजन सिस्टम) कहते है |ये लोगों के लिये उम्मीद की नयी किरण है जिन्होंने अपनी आँखों की रोशनी खो दी है |यह तकनीक उन लोगों के लिये काम आयेगी जिनकी ऑप्टिक तंत्रिका तंत्र ख़राब हो चुके है |

जेनारिस बायोनिक विजन सिस्टम दिमाग में एक नया रास्ता बनाता है जहाँ कैमरे की जरुरत नहीं पड़ती है |कैमरे से सीधा सिग्नल दिमाग में जाता है तथा व्यक्ति तस्वीरों को समझ पाता है यानी बायोनिक आई को परिभाषित करना हो तो शोधकर्ताओं ने एक ऐसी वायरलेस ट्रांसमीटर चिप तैयार की है जो मस्तिष्क की सतह पर फिट की जायेगी |

यह इंसानों के देखने की शक्ति का परीक्षण करती है |इसमें कैमरे के साथ एक हेड गियर फिट किया गया है जो आसपास होने वाली हरकतों पर नजर रख सीधे मस्तिष्क से संपर्क करेगा |इस डिवाइस का आकार 9X9 मिलीमीटर है जोकि आकार में टाइल नुमा है |

जेनारिस बायोनिक विजन सिस्टम कैसे कार्य करता है-

इस तकनीक का सबसे विशेष पहलू यह है कि यह ऑप्टिक तंत्रिका तंत्र को बायपास करके सीधा मस्तिष्क के विजन सेंटर में सिग्नल भेजता है अर्थात आँखों के माध्यम से जो तस्वीर मस्तिष्क तक पहुंचती थी अब वह सीधे मस्तिष्क में भेजी जाती है |

इसका मतलब यह है कि अगर किसी व्यक्ति की आँखे काम नहीं कर रही है तो वह भी इस तकनीक की सहायता से देख सकेगा |शोधकर्ताओं ने 10 डिवाइसों का परीक्षण भेड़ों पर किया था जिसमें से 7 डिवाइसों ने भेड़ों को कोई हानि नहीं पहुंचाई तथा 9 महीनों तक ये डिवाइसें भेड़ों की आँखों में सक्रिय रही |

बायोनिक आँख की खोज के मायने-

यदि यह बायोनिक आँख सफल रही तो कितनी आश्चर्यजनक बात है कि एक दिन ऐसा आएगा जब लोग जिन्होंने अपनी दृष्टि खो दी है इस तकनीक के माध्यम से फिर से देख पायेंगे |ऑस्ट्रेलिया के मोनाश यूनिवर्सिटी का जेनारिस बायोनिक विजन सिस्टम जो अंधेपन के इलाज में नयी उम्मीद जगाता है |इससे न सिर्फ लोगों की जिन्दगी बदलेगी बल्कि यह तकनीक के क्षेत्र में एक बड़ी छलांग साबित होगी |

Read More-Medicine Nobel Prize 2024:माइक्रो आरएनए की खोज के लिये गैरी रुवकुन और विक्टर एंब्रोस को मिला चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने