
वर्ष 2024 का चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार गैरी रुवकुन और विक्टर एंब्रोस को उनके Micro RNA (miRNA) की खोज के लिए दिया गया है, जोकि जीन अभिव्यक्ति को नियंत्रित करने का एक महत्वपूर्ण तंत्र है |इस लेख में माइक्रो RNA क्या है तथा इसके महत्व के विषय में चर्चा करेंगें |
Micro RNA क्या है-
यह एक छोटा, नॉन कोडिंग आरएनए अणु है, जो जीन अभिव्यक्ति को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है |यानी कोशिकायें जीन अभिव्यक्ति को नियंत्रित करने में मदद के लिए माइक्रो RNA का उपयोग करती है |जीन अभिव्यक्ति से तात्पर्य यह है कि कोई विशेष जीन एक समय में कितना प्रोटीन बना रहा है-कम, ज्यादा अथवा सामान्य मात्रा |यह प्रोटीन कोड नहीं करता है बल्कि अन्य जीन के कार्य को नियंत्रित करता है |इसके अणु कोशिकाओं तथा रक्त प्रवाह में पाए जाते है |
माइक्रो RNA आमतौर पर लगभग 21 से 24 न्यूक्लियोटाइड्स के होते है, जो उन्हें मैसेंजर RNA (mRNA) से बहुत छोटा बनाता है, जो प्रोटीन संश्लेषण के लिए निर्देश ले जाता है |यह छोटे आकार के कारण विशिष्ट mRNA को बांधने में सक्षम होते है |
यह mRNA से जुड़कर उन्हें प्रोटीन में परिवर्तित होने से रोकता है तथा mRNA को समाप्त कर देता है |यह प्रोटीन के विकास, वृद्धि तथा चयापचय जैसी कई कोशिकाओं प्रक्रियाओं को बारीकी से नियंत्रित करता है |इसकी सामान्य कोशिका कार्य को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका है |इसकी गतिविधि में गड़बड़ी को कैंसर जैसी बीमारियों से जोड़ा गया है |
Micro RNA की खोज के बारे में-
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सयुंक्त राज्य अमेरिका के विक्टर एम्ब्रोस तथा गैरी रुवकुन को माइक्रो RNA कि खोज के लिए चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया |ये माइक्रो RNA अणु आणविक स्विच के रूप में कार्य करते है तथा विभिन्न स्थितियों में जीन अभिव्यक्ति को बारीकी से नियंत्रित करते है |
इस खोज ने जीन नियंत्रण के लिए एक नया आयाम खोला है, जो बहुकोशिकीय जीवों के विकास तथा कार्यप्रणाली के लिए अनिवार्य है, जिनमें मानव भी शामिल है |इस खोज का हमारे कोशिका विभेदन, विकास तथा बीमारी कि प्रक्रियाओं की समझ पर गहरा प्रभाव पड़ा है |माइक्रो RNA द्वारा जीन नियंत्रण में गड़बड़ी को कैंसर, जैसी स्थितियों से जोड़ा गया है |
माइक्रो RNA का महत्व-
माइक्रो RNA विकास तथा शारीरिक क्रिया के विविध पहलुओं को नियंत्रित करते है |इसी कारण इसकी जैविक भूमिका को समझना अधिक महत्वपूर्ण साबित हो रहा है |इसकी सामान्य कोशिका कार्य को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका है | इसके कार्य के विनियमन में गड़बड़ी से कैंसर, हृदय तथा चयापचय संबंधी रोग, यकृत कि स्थिति तथा प्रतिरक्षा संबंधी शिथिलता जैसी मानव बीमारियाँ हो सकती है |
माइक्रो RNA तथा कैंसर-
प्रोटीन बनाने के लिये सूचना को कोड करने वाले जीन के साथ-साथ कोशिकाओं में ऐसे जीन भी होते है जो माइक्रो RNA बनाने के लिए सूचना को कोड करते है |कैंसर कोशिकाओं में उत्परिवर्तन के कारण माइक्रो RNA जीन क्षतिग्रस्त हो सकते है |माइक्रो RNA जीन में उत्परिवर्तन के कारण कोशिका उस विशेष माइक्रो RNA से रहित हो सकती है |माइक्रो RNA के असामान्य रूप से कम स्तर के कारण उस जीन कि अभिव्यक्ति बढ़ सकती है, जिसे माइक्रो RNA नियंत्रित करता है, जिस कारण से कैंसर का विकास तथा प्रगति हो सकती है |
RNA क्या है-
राइबोन्यूक्लिक एसिड (RNA) एक अणु है जो विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, विशेष रूप से आनुवंशिक जानकारी के स्थानातंरण तथा प्रोटीन संश्लेषण में |यह डीएनए (डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक) के समान एक मैक्रोमॉलीक्यूल है, लेकिन इसकी संरचना तथा कार्यों में कुछ अंतर होते है |
यह भी डिऑक्सीराइबोन्यूक्लिक (डीएनए) की तरह न्यूक्लियोटाइड इकाइयों से बना होता है, लेकिन यह अक्सर सिंगल स्ट्रैंडड होता है |जबकि डीएनए डबल स्ट्रैंडड होता है |
इसका मुख्य कार्य डीएनए से आनुवंशिक जानकारी को लेकर प्रोटीन संश्लेषण की प्रक्रिया का मार्गदर्शन करना है|