हॉल ही में केरल सरकार ने कोरगा जनजाति समुदाय को भूमि अधिकार प्रदान करने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है |केरल सरकार ने यह कदम ऑपरेशन स्माइल परियोजना के तहत उठाया गया है, जिससे जनजातीय समुदायों को भूमि का क़ानूनी स्वामित्व मिलेगा |इस लेख में ऑपरेशन स्माइल परियोजना क्या है, इसके उद्देश्य तथा महत्व के विषय में साथ ही कोरगा जनजाति के बारे में चर्चा करेंगे |

ऑपरेशन स्माइल परियोजना के बारे में-

यह एक सरकारी पहल है |इस प्रोजेक्ट को केरल सरकार ने आदिवासी समुदायों को भूमि अधिकार प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया है |इस परियोजना के तहत केरल के जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले परिवारों को क़ानूनी रूप से भूमि का स्वामित्व देने की प्रक्रिया शुरू की गयी है |
ऑपरेशन स्माइल प्रोजेक्ट के उद्देश्य तथा महत्व-
1-इस प्रोजेक्ट के माध्यम से राज्य सरकार जनजातीय परिवारों को स्वामित्व प्रमाणपत्र प्रदान करती है, ताकि वे अपनी जमीन का वैध उपयोग कर सके |
2-भूमि अधिकार मिलने से इन जनजातीय समुदायों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, क्योंकि उन्हें खेती, घर बनाने तथा अन्य संसाधनों के अधिकार प्राप्त होंगे |
3-इस कदम से इन परिवारों को आवासीय सुरक्षा तथा सामाजिक सम्मान मिलेगा साथ ही उनकी जीवनशैली में स्थिरता आयेगी |
4-यह पहल केवल भूमि अधिकार तक सीमित नहीं है, बल्कि इन जनजातीय समुदायों को वन्यजीवों तथा जलवायु सुरक्षा से सम्बंधित जागरूकता भी दी जाती है |
5-इस पहल का उद्देश्य भूमि के दस्तावेजों के गायब होने तथा सीमाओं के अनिर्धारित होने के दीर्घकालिक मुद्दों का समाधान करना है, जिसके कारण कोरगा समुदाय को सरकारी आवास योजनाओं तक पहुँच में बाधा उत्पन्न हुई है तथा उनकी भूमि बंजर और वन-आच्छादित हो गयी है |
कोरगा जनजाति समुदाय के बारे में-
यह एक आदिवासी समुदाय है |यह समुदाय मुख्य रूप से दक्षिण कन्नड़, कर्नाटक के उडुपी जिलों तथा केरल के कासरगोड जिले में पाया जाता है |यह लोग द्रविडीयन भाषा बोलते है तथा वन्य जीवन से जुड़ी खेती तथा शिकार में माहिर होते है |
कोरगा जनजाति के समुदाय को भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के रूप में वर्गीकृत किया गया है |
कोरगा जनजाति की जीवनशैली ज्यादातर निरंतर कृषि तथा संग्रहण आधारित अर्थव्यवस्था पर आधारित है |
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