Ransomware Attacks:भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रैनसमवेयर हमलों का दूसरा सबसे बड़ा निशाना

Zscaler ThreatLabz की 2024 रैनसमवेयर रिपोर्ट के अनुसार भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रैनसमवेयर हमलों का दूसरा सबसे बड़ा निशाना बनकर उभरा है |यह रिपोर्ट वैश्विक स्तर पर रैनसमवेयर घटनाओं में महत्वपूर्ण वृद्धि को दर्शाती है, जो महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर बढ़ते साइबर खतरों को रेखांकित करती है |इस लेख में रैनसमवेयर हमलें क्या है, जेडस्केलर की रिपोर्ट तथा इन खतरों से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा किये गए पहलों के विषय में चर्चा करेंगे |

Ransomware Attacks:भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रैनसमवेयर हमलों का दूसरा सबसे बड़ा निशाना

रैनसमवेयर हमलें क्या है-

यह एक साइबर घटना है, जिसमें हमलावर उपयोगकर्ताओं को उनके फाइलों, सिस्टम या नेटवर्क तक पहुँचने से रोकते है |इसमें साइबर अपराधी आमतौर पर प्रभावित सिस्टम तक पहुँच बहाल करने के बदले राशि की मांग करते है |इन हमलों को अंजाम देने के सामान्य तरीकों में फिशिंग योजनायें, रिमोट डेस्कटॉप प्रोटोकाल का दुरूपयोग तथा क्रेडेंशियल चोरी शामिल है |इसके तहत साइबर अपराधी लगातार सॉफ्टवेयर की कमजोरियों का फायदा उठाने के लिए नए तरीके खोजते रहते है, इसलिये संगठनों के लिए अपनी साइबर सुरक्षा में सुधार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है |

Zscaler ThreatLabz की 2024 रैनसमवेयर रिपोर्ट की मुख्य बातें-

1-यह रिपोर्ट बताती है कि वैश्विक रैनसमवेयर हमलों में 18% की वृद्धि हुई है |डार्क एंजल्स रैनसमवेयर समूह को रिकॉर्ड 75 मिलियन अमेरिकी डॉलर की फिरौती दी गयी, जो अब तक की सबसे बड़ी राशि का लगभग दोगुना है |

2-एशिया-प्रशांत क्षेत्र में किसी भी अन्य क्षेत्र कि तुलना में 1.3 अरब अधिक आर्टिफीशियल-सम्बंधित लेनदेन होते है, जिससे साइबर हमलों का खतरा बढ़ता है |

3-भारत में निर्माण क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित है, जिसमें लगभग 29% रैनसमवेयर घटनाएँ दर्ज की गयी है |इसके बाद स्वास्थ्य सेवा तथा वित्तीय सेवा क्षेत्र का स्थान है, जिनका प्रतिशत 8.89% है |

4-साइबर हमलों की बढ़ती जटिलता के बावजूद, भारत में सफल रैनसमवेयर घटनाएँ 2023 के 62 से घटकर 2024 में 60 रह गयी |

5-इस रिपोर्ट में भारत में सक्रिय प्रमुख रैनसमवेयर फैमिलीज़ का उल्लेख है, जिनमें LockBit, BianLian तथा BlackCat शामिल है |

6-Ransomware-as-a-Service (RaaS) तथा आर्टिफीशियल-आधारित रणनीतियों की बढ़ती प्रसिद्धि ने साइबर अपराध में वृद्धि की है, जिससे मजबूत साइबर सुरक्षा ढांचे की आवश्यकता बढ़ गयी है |

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रैनसमवेयर हमलों को रोकने के लिए भारतीय सरकारी पहल-

1-राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति-

यह नीति साइबर स्पेस, सूचनाओं तथा बुनियादी ढांचे कि सुरक्षा के लिए उद्देश्यों तथा रणनीतियों को परिभाषित करती है |यह नीति साइबर हमलों को रोकने तथा उनसे निपटने कि क्षमता विकसित करती है |

2-भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र-

कानून प्रवर्तन एजेंसियों को समन्वित ढांचे के तहत साइबर अपराध से निपटने में सहायता प्रदान करता है |

3-कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम-इंडिया (CERT-In)-

यह संगठन इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है |यह साइबर घटनाओं की जानकारी एकत्र करने, विश्लेषण करने तथा वितरित करने के लिए जिम्मेदार है |

4-साइबर स्वच्छता केंद्र-

2017 में शुरू किया गया यह केंद्र भारत में बॉटनेट संक्रमण का पता लगाकर सुरक्षित साइबर स्पेस बनाने का लक्ष्य रखता है |

5-राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना बुनियादी ढांचा सुरक्षा केंद्र-

यह केंद्र महत्वपूर्ण सूचना बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है |

जैसे-जैसे रैनसमवेयर हमलें तथा अधिक जटिल होते जा रहे है, भारत पर साइबर अपराधियों का प्रमुख निशाना बनने से साइबर सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की आवश्यकता को बल मिलता है |सरकार तथा संगठनों को साथ मिलकर रक्षा प्रणाली को मजबूत करने तथा साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में काम करना होगा ताकि इन बढ़ते खतरों से महत्वपूर्ण क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके |

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