World Press Freedom Index 2025:पेरिस में स्थित अंतर्राष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स या Reporters Sans Frontieres (RSF) द्वारा प्रत्येक वर्ष विश्व प्रेस स्वतंत्रता इंडेक्स जारी किये जाते है |इस सूचकांक में नार्वें को पहला स्थान तथा इरिट्रिया सबसे निचले स्थान पर है जबकि 180 देशों में भारत 151 रैंकिंग पर है |इस लेख में विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक के बारें में, सूचकांक के प्रमुख बिंदु तथा इसके प्रमुख संकेतको के विषय में चर्चा करेंगे |
World Press Freedom Index के बारें में-

पेरिस में स्थित इंटरनेशनल NGO रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक वर्ष 2002 से संकलित तथा प्रकाशित देशों की एक वार्षिक रैंकिंग है |इसे संयुक्त राष्ट्र, यूनेस्को, यूरोप की परिषद तथा फ्रैंकोफोनी के अंतर्राष्ट्रीय संगठन के साथ परामर्शदात्री दर्जा प्राप्त है |सूचकांक की रैंकिंग प्रत्येक देश या क्षेत्र को दिए गए 0 से 100 तक के स्कोर पर आधारित होती है |इसमें 100 सर्वोत्तम संभव स्कोर तथा 0 सबसे खराब स्कोर होता है |
यह इंडेक्स मुख्य रूप से प्रेस की स्वतंत्रता पर जोर देता है तथा जिन देशों का यह आकलन करता है उनके भीतर पत्रकारिता की गुणवत्ता या मानवाधिकार उल्लंघन का मूल्यांकन नहीं करता है |
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस का इतिहास-
हर वर्ष 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है |यह दिन सरकारों को प्रेस की स्वतंत्रता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करने की आवश्यकता पर जोर देता है |संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) महासम्मेलन की अनुशंसा के पश्चात UN महासभा द्वारा दिसम्बर 1993 में इस दिवस की घोषणा की गयी थी, तब से 3 मई को विंडहोक घोषणा की वर्षगांठ को विश्व भर में विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है |
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2025 की थीम-
वर्ष 2025 के लिए विश्व प्रेस स्वतंत्रता की थीम-प्रेस स्वतंत्रता पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रभाव |
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर पत्रकारों की वैश्विक आवाज, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ जर्नलिस्ट्स ने पत्रकारों के संघों तथा मीडिया के मध्य सामाजिक संवाद में AI को शीर्ष एजेंडे पर रखने का आह्वान किया है |
विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक के प्रमुख संकेतक-
इस सूचकांक में 5 संकेतकों के आधार पर देशों की रैंकिंग की जाती है |ये संकेतक इस प्रकार है-
राजनीतिक संदर्भ
क़ानूनी ढांचा
आर्थिक संदर्भ
सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ तथा सुरक्षा |
विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक 2025 के प्रमुख बिंदु-
1-इस सूचकांक में नार्वे, एस्टोनिया तथा नीदरलैंड क्रमशः पहले, दूसरे तथा तीसरे स्थान पर है, जबकि इरिट्रिया सबसे निचले स्थान पर है |इस सूचकांक में 180 देशों को शामिल किया गया था |
2-इस सूचकांक में 32.96 वैश्विक स्कोर के साथ भारत 151वें स्थान पर है |जबकि 2024 में यह स्कोर 31.28 था और 159वीं रैंकिंग थी |
3-इस सूचकांक में आर्थिक कमजोरी को प्रेस स्वतंत्रता के लिए एक प्रमुख खतरा बताया गया है |
4-सूचकांक के इतिहास में पहली बार प्रेस स्वतंत्रता की वैश्विक स्थिति को अब 'कठिन स्थिति' के रूप में वर्गीकृत किया गया है |
5-विश्व के आधे से अधिक देशों में पत्रकारिता के लिए स्थितियां कठिन या बहुत गंभीर है तथा चार में से एक से भी कम देशों में यह संतोषजनक है |
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6-यह विश्व स्तर पर प्रेस की स्वतंत्रता में समग्र गिरावट, पत्रकारों तथा स्वतंत्र मीडिया आउटलेट्स के राजनीतिक दमन में भारी वृद्धि को दर्शाता है |
7-आज के समय में विश्वभर का मीडिया फंडिंग की कमी से जूझ रहा है |सूचना के संसाधनों पर गूगल, FB, अमेजन आदि जैसी तकनीकी कंपनियों के वर्चस्व के कारण मीडिया को और अधिक आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है |
8-विश्व में कई देशों में मीडिया पर राजनीतिक दखलंदाजी बढ़ती जा रही है |चीन तथा वियतनाम जैसे देशों में मीडिया पर सरकार का नियंत्रण है |यहाँ विदेशी मीडिया को किसी भी समय बैन कर सकते है |
9-अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प की सत्ता में वापसी के बाद अमेरिका में भी प्रेस की स्थिति में गिरावट आयी है |2025 में अमेरिका की रैंकिंग 57वीं है जबकि पिछले वर्ष उसकी रैंकिंग 55वीं थी |
10-गाजा जंग में अब तक 200 पत्रकार से अधिक मारे जा चुके है |
11-सूचकांक में पाकिस्तान 158वें, श्रीलंका 139वें, नेपाल 90वें तथा चीन 178वें स्थान पर है |
प्रेस की स्वतंत्रता की सुरक्षा हेतु भारत में उत्तरदायी संस्थान-

भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए निम्नलिखित संस्थान उत्तरदायी है-
1-भारतीय प्रेस परिषद
2-सूचना तथा प्रसारण मंत्रालय
3-न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (NBDA)
4-एडिटर्स गिल्ड ऑफ़ इंडिया
विंडहोक घोषणा-
विंडहोक घोषणा एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो प्रेस की स्वतंत्रता तथा एक स्वतंत्र और बहुलवादी प्रेस के विकास के लिए सिद्धांतों को स्थापित करता है |यह घोषणा 1991 में नामीबिया की राजधानी विंडहोक में आयोजित एक यूनेस्को सेमिनार में अफ्रीकी पत्रकारों द्वारा तैयार की गयी थी |
इसका मुख्य उद्देश्य अफ्रीकी देशों में प्रेस की स्वतंत्रता को बढ़ावा देना था तथा यह विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के लिए प्रेरणा बनी |