हेपेटाइटिस B:Hepatitis B वायरस क्या हैं,प्रकार और लक्षण

सर गंगा राम अस्पताल ने भारत में हेपेटाइटिस B के विरुद्ध जनता की प्रतिकूलता तथा टीकाकरण प्रथाओं की अंतर्दृष्टि को समझने के लिये एक क्रॉस-सेक्शनल सर्वेक्षण तैयार किया | इस लेख में हेपेटाइटिस B वायरस क्या हैं,प्रकार,लक्षण तथा उसके रोकथाम के बारे में जानेंगे |

इस लेख में-

1-हेपेटाइटिस B वायरस क्या हैं |

2-हेपेटाइटिस के प्रकार 

3-हेपेटाइटिस B के लक्षण 

4-हेपेटाइटिस B के कारण 

5-भारत में हेपेटाइटिस से निपटने के लिये सरकारी पहल क्या हैं |

हेपेटाइटिस B:Hepatitis B वायरस क्या हैं,प्रकार और लक्षण
हेपेटाइटिस B वायरस क्या हैं-

यह यकृत (Liver) का एक संक्रमण है,जो हेपेटाइटिस B वायरस के कारण होता है | इसका संक्रमण तीव्र (लघु तथा गंभीर) या स्थायी (दीर्घकालिक) हो सकता हैं |

हेपेटाइटिस B एक दीर्घकालिक संक्रमण का कारण बन सकता है तथा लोगों को सिरोसिस तथा यकृत कैंसर से मृत्यु के उच्च जोखिम तक पहुँचा सकता है |

यह जन्म के दौरान माँ से उसके बच्चे में भी फ़ैल सकता हैं | इसे सुरक्षित तथा प्रभावी टीके से रोका जा सकता हैं |

हेपेटाइटिस B का टीका आमतौर पर जन्म के तुरंत बाद बूस्टर के साथ दिया जाता हैं,जो वायरस के विरुद्ध लगभग 100% सुरक्षा प्रदान करता हैं |

हेपेटाइटिस के प्रकार-

1-हेपेटाइटिस A वायरस (HAV)-

➡यह यकृत में सूजन पैदा करता हैं,जो गंभीर बीमारी का कारण बन सकती हैं |

➡यह दूषित भोजन तथा पानी के सेवन के माध्यम से फैलता है |

➡हेपेटाइटिस A से बचाव के लिये एक सुरक्षित तथा प्रभावी टीका उपलब्ध हैं |

2-हेपेटाइटिस B वायरस (HBV)-

➡यह एक वायरल संक्रमण है,जो यकृत पर हमला करता हैं तथा बीमारियों का कारण बन सकता हैं |

➡यह आमतौर पर जन्म के दौरान,संक्रमित साथी के साथ यौन संबंध बनाने,असुरक्षित इंजेक्शन के कारण माँ से बच्चे में फैलता हैं |

➡हेपेटाइटिस B के संक्रमण को टीकों से रोका जा सकता हैं |

3-हेपेटाइटिस C वायरस (HCV)-

➡यह वायरस तीव्र तथा दीर्घकालिक दोनों तरह के हेपेटाइटिस का कारण बन सकता हैं,जिसकी गंभीरता हल्की बीमारी से लेकर गंभीर,आजीवन बीमारी तक है |

➡साथ ही इसमें लीवर सिरोसिस तथा कैंसर से संबंधित बीमारियाँ शामिल हैं |

➡यह रक्तजनित विषाणु है तथा संक्रमण इंजेक्शन,नशीली दवाओं के उपयोग और असुरक्षित यौन संचार के माध्यम से होता हैं |

➡डायरेक्ट-एक्टिंग एंटीवायरल दवाएं (DAA) हेपेटाइटिस C संक्रमण वाले 95% से अधिक लोगों को ठीक कर सकती हैं, लेकिन लोगों की इनके निदान तथा उपचार तक पहुँच कम है |

➡वर्तमान में हेपेटाइटिस C के विरुद्ध कोई प्रभावी टीका नहीं हैं|

4-हेपेटाइटिस D वायरस (HDV)-

➡यह एक ऐसा वायरस है,जिसकी प्रतिकृति बनाने के लिये हेपेटाइटिस B वायरस (HBV) की आवश्यकता होती हैं |

➡यह विश्व स्तर पर लगभग 5% लोगों को प्रभावित करता है,जिन्हें HBV का पुराना संक्रमण होता हैं |

➡हेपेटाइटिस B तथा D लोगों को एक साथ या एक के बाद एक संक्रमित कर सकते हैं |

➡यह स्थानीय लोगों, डायलिसिस रोगियों तथा दवा उपयोगकर्त्ताओं में अधिक आम हैं |

➡हेपेटाइटिस D संक्रमण को हेपेटाइटिस B टीकाकरण द्वारा रोका जा सकता हैं,लेकिन उपचार की सफलता दर कम हैं |

5-हेपेटाइटिस E वायरस (HEV)-

➡यह HEV के संक्रमण के कारण होने वाली यकृत की सूजन हैं |

➡इसका वायरस दुनिया भर में पाया जाता हैं,लेकिन पूर्वी तथा दक्षिण एशिया में सबसे आम हैं |

➡यह वायरस मुख्यतः दूषित पानी के माध्यम से फैलता है |

➡हेपेटाइटिस E वायरस संक्रमण को रोकने के लिये एक टीका विकसित किया गया है और चीन में इसे लाइसेंस प्राप्त है,लेकिन अभी तक यह कहीं और उपलब्ध नहीं है |

हेपेटाइटिस B के लक्षण-

हेपेटाइटिस B के निम्न लक्षण है-

1-गहरे रंग का मूत्र 

2-अत्यधिक थकान 

3-पीलिया 

4-उल्टी

5-मांसपेशियों तथा जोड़ों का दर्द 

6-पेट में दर्द 

7-भूख में कमी 

8-बुखार 

9-पेट के दाहिनी और दर्द 

10-चकत्ते 

हेपेटाइटिस B के कारण-

हेपेटाइटिस B होने के निम्न कारण है-

1-असुरक्षित यौन सम्पर्क |

2-सुइयां तथा अन्य इंजेक्शन लगाने वाले दवा उपकरण साझा करना |

3-असंक्रमित सुइयों तथा उपकरणों से गोदना |

4-टूथब्रश या नाख़ून कतरनी साझा करना |

5-हेपेटाइटिस B से पीड़ित किसी व्यक्ति के साथ करीबी संपर्क |

6-हेपेटाइटिस B से ग्रसित माँ से जन्म लेना |

7-रक्त आधान |

संक्रमित लोगों के खासने या छिकने से हेपेटाइटिस B नहीं फैलता हैं |

भारत में हेपेटाइटिस से निपटने के लिये सरकारी पहल क्या हैं-

1-राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम-

➡इस कार्यक्रम का लक्ष्य वर्ष 2030 तक देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे के रूप में वायरल हेपेटाइटिस को समाप्त करना है|

2-भारत का सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP)-

➡हेपेटाइटिस B को भारत के UIP के तहत शामिल किया गया है, जो तपेदिक, डिप्थीरिया, पर्टुसिस (काली खांसी), टिटनस, पोलियो, निमोनिया तथा हेमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी के कारण खसरा, मेनिनजाइटिस,जापानी एन्सेफलाइटिस तथा रोटावायरस डायरिया जैसी 11 वैक्सीन-रोकथाम योग्य बीमारियों के विरुद्ध निशुल्क टीकाकरण प्रदान करता है |

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