Pobitora Wildlife Sanctuary:सुप्रीम कोर्ट ने पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य की अधिसूचना वापस लेने के असम सरकार के निर्णय पर रोक लगा दी |
पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य के बारे में-

पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य असम राज्य में हैं | यह गुवाहाटी से लगभग 45 किलोमीटर दूर मोरीगांव जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ के मैदान में स्थित है |
इस वन्यजीव अभयारण्य का सिर्फ 16 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र 90 से अधिक गैंडों का निवास स्थल है |इतने कम क्षेत्रफल में 90 से अधिक गैंडों का रहना इस वन्यजीव अभयारण्य को दुनिया के उच्चतम जनसंख्या घनत्व वाला अभयारण्य बनाता हैं |
गैंडें के अलावा तेंदुआ, फिशिंग कैट, जंगली बिल्ली, जंगली भैंस, जंगली सूअर, चीनी पेंगोलिन आदि जैसे अन्य स्तनधारी जानवर भी यहाँ पाए जाते हैं |
पोबितोरा को 3 श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता हैं-वन,घास का मैदान तथा जल समूह |
गैंडे के बारे में-
गैंडे की कुल पांच प्रजातियाँ होती है-
*अफ्रीका में सफ़ेद तथा काले राइनो
*एक सींग वाले गैंडे (Greater One Horned)
*एशिया में जावा तथा सुमात्रन गैंडे या राइनो
भारत में केवल एक सींग वाला गैंडा पाया जाता हैं | एक सींग वाला गैंडा (भारतीय गैंडा) राइनो प्रजाति में सबसे बड़ा हैं |
ये प्रमुख रूप से घास, पत्तियों, झाड़ियों तथा पेड़ों की शाखाओं, फल-फूल और जलीय पोधे की चराई करते हैं|
भारत में गैंडों का आवास-
यह प्रजाति इंडो-नेपाल के तराई क्षेत्र,उत्तरी पश्चिम बंगाल तथा असम तक सीमित है |भारत में गैंडे मुख्य रूप से असम,पश्चिम बंगाल,तथा उत्तर-प्रदेश में पाए जाते हैं |
असम में चार संरक्षित क्षेत्रों पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य, राजीव गाँधी ओरंग नेशनल पार्क, कांजीरंगा नेशनल पार्क तथा मानस राष्ट्रीय उद्यान में 2640 गैंडे हैं |
इसमें से लगभग 2400 गैंडे कांजीरंगा नेशनल पार्क तथा टाइगर रिज़र्व में हैं |
संरक्षण की स्थिति-
*IUCN की रेड लिस्ट-सुभेद्य (Vulnerable)
*CITES-परिशिष्ट 1 इसमें लुप्तप्राय प्रजातियों को शामिल किया जाता हैं,जिनका व्यापार किये जाने के कारण उन्हें और अधिक खतरा हो सकता हैं |
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972-अनुसूची-1 में शामिल हैं |
घूमने का सबसे अच्छा समय-
पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य की यात्रा के लिये सबसे उत्तम समय दिसम्बर तथा जनवरी है |यहाँ वन्यजीव सफारी के लिये जाड़े का मौसम सबसे उपयुक्त समय हैं |पूरा अभयारण्य अक्टूबर से मई तक खुला रहता हैं |
कहाँ ठहरा जाएँ-

पोबितोरा के पास रुकने के लिये कई रिसोर्ट,इको कैंप तथा होमस्टे उपलब्ध है |यहाँ रात बिताने के लिये निम्न विकल्प है जैसे-आर्य इको रिसोर्ट, माईबोंग इको रिसोर्ट, जिजिना ओटीआईएस, सिल्वर रॉक होमस्टे, चनाका इको कैंप, पोबितोरा विलेज इको कैंप आदि |
ठहरने के लिये इको कैंप सबसे अच्छा विकल्प हैं |इको कैंप में आसपास के गाँव तथा घरेलू वातावरण की ताजगी महसूस कर सकते हैं |चनाका इको-कैंप ब्रह्मपुत्र नदी के सामने एक आश्चर्यजनक स्थान पर कैम्पिंग विकल्प भी प्रदान करता है | इसके साथ ही आर्य इको रिसोर्ट, माईबोंग इको रिसोर्ट दो सबसे अच्छे रिसोर्ट है जो पोबितोरा के प्रवेश द्वार से थोड़ी दूरी पर स्थित है |
पोबितोरा में वन्यजीव सफारी-
यदि वन्यजीव तथा प्रकृति से आपको प्रेम है तो पोबितोरा आपके लिये बहुत अच्छी जगह है |यहाँ आप घने जंगल में जीप सफारी तथा हाथी सफारी कर सकते हैं |
जीप तथा हाथी सफारी दोनों घंटे तक चलती है |सफारी के दौरान आप कई जंगली जानवरों,घास के मैदान तथा प्रवासी पक्षियों को देख सकते हैं |साथ ही साथ एक सींग वाले गैंडे तथा अन्य जंगली जानवरों जैसे हिरण,जंगली भैस आदि देखने को मिलेंगे |अप्रैल-मई के समय खूबसूरत आर्किड की झलक भी ध्यान आकर्षित करती है |
प्रवेश टिकट तथा सफारी लागत-
पोबितोरा में प्रवेश टिकट दरें भारतीय तथा विदेशियों के लिये अलग-अलग हैं |पांच लोगों तक के लिये जीप सफारी की दर 3550 रुपये है,जिसमें टोल,गाइड तथा सुरक्षा की लागत शामिल हैं |हाथी की सफारी दर 1000 रुपये प्रति व्यक्ति है| जबकि विदेशियों के लिये हाथी की सफारी की दर 1200 रुपये प्रति व्यक्ति है |यह टिकट दरें समय-समय पर परिवर्तित होती रहती है इसके लिये पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य की वेबसाइट पर देखें |
पोबितोरा में और क्या-क्या करें-
पोबितोरा में वन्यजीव सफारी के अतिरिक्त मायोंग गाँव में प्राकृतिक दृश्यों तथा घूमने का आनन्द ले सकते हैं |ब्रह्मपुत्र में नौकायान करें तथा डाल्फिन देखें |चनाका गाँव घूम सकते हैं |उस क्षेत्र के भोजन का स्वाद लें साथ ही साथ सूर्यास्त का आनन्द लें |नरसिंह मंदिर का भी भ्रमण कर सकते है |
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