संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार:राष्ट्रपति मुर्मू ने 94 कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से किया सम्मानित

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नयी दिल्ली में वर्ष 2022 तथा 2023 के लिये 94 कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्रदान किये | पुरस्कार समारोह में राष्ट्रपति मुर्मू ने देश की सांस्कृतिक विरासत में प्रदर्शन कला की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला तथा कहा कि प्राचीन समय से ही भारतीय संस्कृति में कला विधाओं को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया हैं | इस समारोह में 6 प्रतिष्ठित कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप भी प्रदान किये गए |

संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार:राष्ट्रपति मुर्मू ने 94 कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से किया सम्मानित
संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप से सम्मानित कलाकार-

संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप प्राप्त करने वाले व्यक्तियों के नाम-

1-गोवा के लोकगीतकारविनायक खेडेकर 
2-कर्नाटक के वीणा वादक आर.विश्वेश्वरन
3-कथक प्रतिपादक सुनयना हजारीलाल 
4-प्रसिद्ध कुचिपुड़ी नर्तक राजा तथा राधा रेड्डी 
5-थिएटर कलाकार दुलाल रॉय तथा डीपी सिन्हा 

संगीत, नृत्य के क्षेत्र से 12, थिएटर के क्षेत्र से 9, लोक तथा आदिवासी कला से 11 लोगों को 2023 के लिये अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुये |

संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के बारें में-

*संगीत, नृत्य, रंगमंच, पारम्परिक/लोक/जनजातीय संगीत/नृत्य/थिएटर, कठपुतली तथा प्रदर्शन कला आदि में समग्र योगदान के क्षेत्र के कलाकारों को पुरस्कार दिए जाते है |

*इसमें ताम्रपत्र और अंगवस्त्र के साथ 1 लाख रूपये का नकद पुरस्कार शामिल है |

सगीत नाटक अकादमी फेलोशिप के बारें में-

*यह राष्ट्रीयता, नस्ल, जाति, धर्म या लिंग के भेद के बिना संगीत नाटक अकादमी द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक सर्वोच्च सम्मान है |

*संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप प्रदर्शन कला के क्षेत्र में कलाकारों को उनके असाधारण योगदान के लिये दिया जाने वाला सर्वोच्च तथा प्रतिष्ठित सम्मान है, जो एक बार में अधिकतम 40 लोगों को दिया जा सकता है |

*अकादमी फेलो के सम्मान में एक ताम्रपत्र तथा अंगवस्त्रम के साथ 3 लाख रूपये का नकद पुरस्कार शामिल होता है |

संगीत नाटक अकादमी के बारें में-

*संगीत नाटक अकादमी संगीत, नृत्य तथा नाटक के लिये भारत की राष्ट्रीय अकादमी हैं |

*इसकी स्थापना भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा 31 मई, 1952 को हुई थी | जबकि इसे जून 1952 के भारतीय राजपत्र में अधिसूचित किया गया था |

*वर्तमान में यह संस्कृति मंत्रालय का एक स्वायत्त निकाय है |

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