हॉल ही में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) द्वारा वार्षिक जलवायु स्थिति रिपोर्ट जारी की गयी | रिपोर्ट में पाया गया कि 2023 रिकॉर्ड स्तर पर सबसे गर्म वर्ष था | रिपोर्ट के अनुसार ग्रीनहाउस गैस स्तर, सतह का तापमान, समुद्र के स्तर में वृद्धि, अंटार्कटिका समुद्री बर्फ का आवरण आदि सहित जलवायु प्रणाली के संकेतकों के कई रिकॉर्ड टूट गए है |
इन आधारों का प्रयोग करके पता चलता है कि संकेतक समय के साथ कैसे बदल गये है तथा वें हमें ग्रह की वर्तमान स्थिति के बारे में क्या बताते है |

इस लेख में-

1-ग्रीनहाउस गैसें (GHGs)
2-सतह का तापमान
3-महासागर की ऊष्मा सामग्री
4-समुद्री गर्मी की लहरें
5-अंटार्कटिका समुद्री-बर्फ विस्तार
6-हिमनद
7-विश्व मौसम विज्ञान संगठन के बारे में
ग्रीनहाउस गैसें (GHGs)-
1-स्तर ग्रह के तेजी से गर्म होने के पीछे मुख्य कारण ग्रीनहाउस गैस है |
2-कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन तथा नाइट्रस ऑक्साइड जैसी गैसें वायुमंडल में आने वाले सौर विकिरण को रोकती हैं तथा ग्लोबल वार्मिंग में योगदान करती हैं |
3-रिपोर्ट के अनुसार, ग्रीनहाउस की सांद्रता वर्ष 2022 में रिकॉर्ड-उच्च स्तर पर पहुँच गई |
सतह का तापमान-
1-2023 के लिये सतह के पास का वैश्विक औसत तापमान 1.45 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया, जो अब तक का उच्चतम रिकॉर्ड है |
2-वायुमंडल में ग्रीनहाउस सांद्रता में वृद्धि वैश्विक तापमान में वृद्धि का प्राथमिक कारण हैं |
3-वहीँ पिछले वर्ष अल नीनो की शुरुआत ने भी पारे में वृद्धि में योगदान दिया था |
महासागर की ऊष्मा सामग्री-
महासागरों द्वारा वर्ष 1971 के बाद से ग्रीनहाउस द्वारा फंसी लगभग 90% अतिरिक्त गर्मी को अवशोषित कर लिया है |
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 में महासागर की ऊष्मा सामग्री, महासागरों द्वारा संग्रहीत गर्मी की कुल मात्रा 65 साल के अवलोकन रिकॉर्ड में अपने उच्चतम स्तर पर पहुँच गई है |
समुद्री गर्मी की लहरें-
रिपोर्ट के अनुसार गर्म तापमान के कारण, वैश्विक महासागर में औसत दैनिक समुद्री हीटवेव कवरेज 32% का अनुभव हुआ |
यह साल 2016 में 23% के पिछले रिकॉर्ड से काफी ऊपर है |
अंटार्कटिका समुद्री-बर्फ विस्तार-
रिपोर्ट के अनुसार,जून से नवम्बर की शुरुआत तक साल के समय में यह दायरा रिकॉर्ड निचले स्तर पर रहा | जो साल 1991-2020 के औसत से कम हैं |
हिमनद-
हाइड्रोलॉजिकल वर्ष 2022-2023 में ग्लेशियरों के वैश्विक समूह को रिकॉर्ड पर बर्फ का सबसे बड़ा नुक्सान हुआ |
ग्लेशियरों का वार्षिक द्रव्यमान संतुलन साल 2022-2023 में एक नए निचले स्तर पर गिर गया |
विश्व मौसम विज्ञान संगठन के बारे में-
1-विश्व मौसम संगठन एक अंतर-सरकारी संगठन हैं | जिसमे 192 सदस्य देश हैं | भारत विश्व मौसम विज्ञान संगठन का सदस्य देश है |
2-WMO की उत्पति अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन (IMO) से हुई है |
3-वर्ष 1873 के वियना अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान कांग्रेस के बाद विश्व मौसम विज्ञान संगठन स्थापित किया गया था |
4-23 मार्च 1950 को विश्व मौसम विज्ञान संगठन कन्वेंशन के अनुसमर्थन द्वारा स्थापित WMO, मौसम विज्ञान (मौसम तथा जलवायु), परिचालन जल विज्ञान तथा इससे संबंधित भू-भौतिकीय विज्ञान हेतु संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी बन गई है |
5-इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विटजरलैंड में हैं |
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