GPS Spoofing:इजरायल ने ईरान के खिलाफ GPS स्पूफिंग का क्या इस्तेमाल,जानिए ये क्या होता है ?

इजरायल ने ईरान पर हमला कर उसके सैन्य ठिकाने को नुकसान पहुँचाने का दावा किया है |इजरायल ने यह हमला ईरान द्वारा दागे गये 300 से ज्यादा ड्रोन तथा मिसाइलों के जवाब में किया |इजरायल तथा ईरान के मध्य अब यह बदले की आग लगातार बढ़ती जा रही है इस बीच खबर यह भी है कि इजरायल ने कथित तौर पर ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) नेविगेशन सिग्नल को जाम करके ईरान की मिसाइल लक्ष्यीकरण टीमों के खिलाफ GPS Spoofing (जीपीएस स्पूफिंग) का इस्तेमाल किया |इस लेख में GPS स्पूफिंग के बारें में विस्तार से चर्चा करेंगे |

जीपीएस स्पूफिंग क्या है-

GPS Spoofing:इजरायल ने ईरान के खिलाफ GPS स्पूफिंग का क्या इस्तेमाल,जानिए ये क्या होता है ?

जीपीएस स्पूफिंग एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल नकली जीपीएस सिग्नल भेज कर किसी डिवाइस की लोकेशन को धोखा देने के लिये किया जाता है |यह नकली सिग्नल शक्तिशाली ट्रांसमीटर द्वारा भेजे जाते है जो जीपीएस सैटेलाइट से आने वाले असली सिग्नल को दबा देते है या उन्हें बदल देते है |यह कई तरीकों से किया जा सकता है |जैसे कि जीपीएस सिग्नल को जाम करके जिसमें शक्तिशाली उपकरणों का इस्तेमाल करके असली जीपीएस सिग्नल को बाधित या कमजोर किया जा सकता है जिससे जीपीएस रिसीवर भ्रमित हो सकते है तथा गलत स्थान का डाटा प्राप्त कर सकते है |दूसरा है नकली जीपीएस सिग्नल प्रसारित करना |इसमें नकली जीपीएस सिग्नल प्रसारित करने वाले उपकरणों का उपयोग करके कोई व्यक्ति गलत स्थान का डाटा भेज सकता है जिससे जीपीएस रिसीवर प्रभावित हो सकते है |वहीं जीपीएस सॉफ्टवेयर में हेरफेर करके भी जीपीएस स्पूफिंग की जा सकती है |

जीपीएस स्पूफिंग वही तकनीक है जिसका इस्तेमाल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान अमेरिका द्वारा किया गया था |इसका इस्तेमाल कर जीपीएस सिग्नल को खराब कर सैन्य अभियानों में बाधा डाली गई थी |

जीपीएस स्पूफिंग का इस्तेमाल-

GPS Spoofing:इजरायल ने ईरान के खिलाफ GPS स्पूफिंग का क्या इस्तेमाल,जानिए ये क्या होता है ?

इसका इस्तेमाल आमतौर पर अपराधी अपनी लोकेशन छुपाने के लिये करते है |इससे पुलिस के लिये उन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है |

सेनाएं जीपीएस स्पूफिंग का इस्तेमाल दुश्मन के जीपीएस सिस्टम को भ्रमित करने के लिये करती है, जिससे दुश्मन गलत रणनीति बना सकता है तथा उसे हराना आसान हो जाता है| जैसे कि हॉल ही में इजरायल ने ईरान के खिलाफ किया है |

कुछ लोग जीपीएस स्पूफिंग का इस्तेमाल व्यक्तिगत रूप से भी करते है जिसमें वें अपनी गलत लोकेशन दिखाने के लिये करते है ताकि वें किसी से बच सके या किसी को गलत जानकारी दे सकें |

सैन्य अभ्यास में अगर इसके इस्तेमाल की बात छोड़ दिया जाये तो यह तकनीक काफी खतरनाक भी साबित हो सकती है जैसे कि जीपीएस स्पूफिंग से लोगों को गलत जानकारी मिल सकती है, जिसके कारण वे गलत फैसले ले सकते है |वहीं जीपीएस स्पूफिंग के कारण कई बार हवाई जहाज तथा कार जैसी चीजें किसी बड़ी दुर्घटना का शिकार हो सकती है |दूसरी और जीपीएस स्पूफिंग का इस्तेमाल लोगों की लोकेशन ट्रैक करने के लिये किया जा सकता है जिससे उनकी गोपनीयता का उल्लंघन भी हो सकता है |

जीपीएस स्पूफिंग से बचने के उपाय-

इससे बचने के उपायों की अगर बात करें तो इसके लिये हमेशा विश्वसनीय जीपीएस डिवाइस का ही इस्तेमाल करना चाहिए जो जीपीएस स्पूफिंग का पता लगा सके |जीपीएस डिवाइस के सॉफ्टवेयर को हमेशा अपडेट रखना चाहिए ताकि उसमें नवीनतम सुरक्षा पैच हो |सार्वजनिक वाई-फाई का इस्तेमाल करते समय सावधान रहना चाहिए क्योंकि हैकर्स इसका इस्तेमाल जीपीएस डिवाइस को स्पूफ करने के लिये कर सकते है तथा साथ ही हमें यह भी ध्यान रखना जरुरी है कि जीपीएस स्पूफिंग गैर क़ानूनी है |

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