किसी भी प्रकार के एल्कोहल या शराब पीने के बाद नशा चढ़ते आपने कई बार देखा होगा |लेकिन इस दुनिया में ऐसे लोग है जो बिना एल्कोहल का सेवन किये हर समय एल्कोहल के नशे में रहते है |इस बीमारी को ऑटो ब्रूअरी सिंड्रोम (Auto Brewery Syndrome) कहा जाता है |इस लेख में ऑटो ब्रुअरी सिंड्रोम क्या है, इस सिंड्रोम से शरीर नशे की हालत में कैसे पहुँचता है, इसके कारण तथा लक्षण के बारे में चर्चा करेंगे |
चर्चा में क्यों-

दरअसल बेल्जियम में एक 40 वर्षीय व्यक्ति को पुलिस ने रूटीन चेकिंग के दौरान रोका तथा ड्रिंक एंड ड्राइव केस में अरेस्ट कर लिया गया |ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट में उसका रिजल्ट पॉजिटिव आया था |बाद में तीन अलग-अलग डॉक्टरों ने उसकी जाँच की जिन्होंने अदालत को बताया कि वह आदमी वास्तव में अजीब तरह के सिंड्रोम यानी ऑटो ब्रुअरी सिंड्रोम से पीड़ित है |उसके बाद उसे बरी कर दिया गया |
ऑटो ब्रुअरी सिंड्रोम क्या है-
ऑटो ब्रुअरी सिंड्रोम यानी ABS एक अजीब सी बीमारी है जो पूरी दुनिया में लगभग 20 लोगों में होती है |यानी यह बहुत रेयर केसेस में किसी व्यक्ति में पायी जाती है |यह एक दुर्लभ चिकित्सकीय स्थिति होती है जिसमें शरीर आँतों में किण्वन (Fermentation) के माध्यम से इथेनाल (शराब) का उत्पादन करता है |इस बीमारी में पीड़ित व्यक्ति के पेट में कार्बोहाइड्रेट का फर्मेंटेशन होता रहता है जिससे इथेनाल बनती है |यह इथेनाल छोटी आंत में एब्जार्ब हो जाती है तथा साथ ही यह एल्कोहल ब्लड फ्लो में मिल जाता है |इसकी मात्रा बढ़ने पर व्यक्ति को नशा जैसा महसूस होता है |
इस स्थिति वाले लोग उसी प्रकार के एल्कोहल का उत्पादन करते है जो एल्कोहल वाले पेय में होता है लेकिन वे आमतौर पर इसके प्रभाव को कम महसूस करते है |
किसे होती है ये बीमारी-
यह बीमारी लोगों में जन्मजात नहीं होती है लेकिन जब वे पहले से ही आंत से संबंधित किसी अन्य समस्या से पीड़ित होते है तब उन्हें ABS होने की संभावना ज्यादा होती है |इसके अलावा यह सिंड्रोम उन लोगो को हो सकता है जिन्हें गैस्ट्रोपैसिस, डायबिटीज, नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर डिसीज (NAFLD) या गैर मादक स्टीटोहेपेटाइटिस (NASH) जैसी समस्या होती है |
ऑटो ब्रुअरी सिंड्रोम के कारण-
कार्बोहाइड्रेट से एल्कोहल आँतों में जमा होने लगता है |यह आंत में बहुत ज्यादा यीस्ट जमा होने से हो सकता है |यह यीस्ट फंगस होता है |निम्नलिखित यीस्ट के कारण ऑटो ब्रुअरी सिंड्रोम होने की संभावना है-
1-कैनडीडा अल्बिकन्स (Candida Albicans)
2-कैनडीडा ग्लबराटा (Candida Glabrata)
3-टोरुलोप्सिस ग्लबराटा (Torulopsis Glabrata)
4-कैनडीडा क्रूसि (Candida Krusei)
5-कैनडीडा केफिरो (Candida Kefyr)
6-शराब बनाने वाला यीस्ट (Saccharomyces Cerevisiae)
ऑटो ब्रुअरी सिंड्रोम के लक्षण-
ऑटो ब्रुअरी सिंड्रोम के निम्नलिखित लक्षण है-
1-इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को हर समय शराब का नशा महसूस होता है |
2-चक्कर आना |
3-सिर दर्द होना |
4-भ्रम की स्थिति होना |
5-त्वचा का लाल पड़ना |
6-शरीर में सूजन आना |
7-उल्टी आना |
8-थकान महसूस होना |
9-मुंह के सूखने के साथ मेमोरी संबंधित समस्याएं हो सकती है |
ऑटो ब्रुअरी सिंड्रोम का इलाज-
ऑटो ब्रुअरी सिंड्रोम का कोई निश्चित इलाज तो नहीं है लेकिन लक्षणों को कंट्रोल करने के लिये कुछ उपाय जरुर किये जा सकते है जैसे कि
1-डाइट में बदलाव करके मरीज द्वारा कार्बोहाइड्रेट तथा शुगर का सेवन कम करना |
2-डाइट में प्रोबायोटिक्स को शामिल करना |इससे आँतों में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ती है |
3-शराब से दूर रहे |
4-मीठे खाद्य पदार्थों को खाने से बचे |
5-इसके अलावा कुछ दवाएं एल्कोहल के उत्पादन को रोकने में मदद कर सकती है लेकिन इसका सेवन करने से पहले आपको डॉक्टर से संपर्क करना जरुरी है |
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