लोगों की बढ़ती जरूरतें हर क्षेत्र में असर डालती है |फिर चाहे वह नौकरी का क्षेत्र हो, शिक्षा या बिजली की मांग हो |जब लोगों की जरुरत बढ़ती है तो उस चीज की मात्रा को भी बढ़ाया जाता है |बिजली को सिर्फ पानी से ही नहीं बल्कि सोलर सिस्टम का उपयोग करके भी बनाया जाता है |आज पूरे देश में सोलर एनर्जी का उपयोग काफी तेजी से बढ़ रहा है |बिजली आपूर्ति के लिये आपने कई जगह सोलर पैनल लगे हुये देखे होंगे |इस लेख में विश्व के सबसे बड़े सोलर पार्क के बारे में बताएँगे जोकि भारत में स्थित है |
विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क-

भारत के राजस्थान के जोधपुर जिले के भड़ला गाँव में स्थित सोलर पार्क विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क है |यह पार्क न केवल भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है बल्कि स्वच्छ ऊर्जा तथा टिकाऊ विकास के लिये भी एक प्रेरणादाई मॉडल के रूप में कार्य कर रहा है |यह 14000 एकड़ यानी करीब 50000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है |यहाँ 18 बड़ी कम्पनियों के 36 सोलर प्लांट लगे हुये है जो सूरज की रोशनी से 2245 मेगावाट बिजली का उत्पादन करते है |मेरकॉम इंडिया संस्था ने भड़ला को विश्व का सबसे बड़ा सोलर प्लांट घोषित किया था जो भारत सरकार की नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की नीति का एक उदाहरण है |
मेरकॉम इंडिया संस्था के बारे में-
मेरकॉम इंडिया भारत का एक ऊर्जा उद्योग अनुसंधान है जो सौर पवन तथा ऊर्जा भंडार सहित भारत के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र पर ध्यान केन्द्रित करती है साथ ही यह कंपनी बाजार अनुसंधान परामर्श समाचार तथा विश्लेषण सेवाएं प्रदान करती है |
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सोलर प्लांट काम कैसे करता है-
यह सौर ऊर्जा का उपयोग करके बिजली उत्पन्न करता है |यह फोटोवोल्टिक यानी पीवी टेक्निक का उपयोग करता है जो सूर्य के प्रकाश को सीधे बिजली में परिवर्तित करता है |इसे और आसानी से समझे तो सूर्य के प्रकाश सोलर पैनलों पर पड़ता है जो सिलिकॉन से बने सेल होते है |जब सूर्य का प्रकाश सिलिकॉन सेल से टकराता है तब बिजली पैदा होती है |इसके विकास में सूर्य की रौशनी का बड़ा महत्व है |
भारत में वर्ष भर सूरज की किरणें पर्याप्त रूप से मिलती है |अगर दिन के हिसाब से देखे तो 330 से 350 दिन तक सूरज की पर्याप्त रोशनी रहती है यानी प्रतिदिन लगभग 5 घंटें सूर्य की रोशनी प्राप्त होती है |ऐसे में सोलर पावर बनाने में काफी मदद मिलती है |
इस सोलर प्लांट की सफाई कैसे की जाती है-
इस सोलर प्लांट की सफाई के लिये भी बड़ा बेहतर इंतजाम किया गया है |रेगिस्तान में बना यह सोलर पार्क जो हर दिन तेज हवा के चलते धूल से गन्दा हो जाता है |इसकी सफाई के लिये इंसान नहीं बल्कि रोबोट क्लीनर बनाये गये है |ये रोबोट्स व्हील्स पर लगे सॉफ्ट माइक्रोफाइबर से व्हील्स को बिना पानी के ही चमका देते है लेकिन कुछ मामलों में सोलर पैनलों को हाथ से ही साफ़ किया जाता है |यह आमतौर पर उन पैनलों के लिये किया जाता है जो रोबोट तक नहीं पहुँच सकते है या जिन्हें विशेष सफाई की आवश्यकता होती है |
इस सोलर प्लांट का महत्व-
इस सोलर प्लांट से काफी क्षेत्रों में मदद मिलती है जैसे कि स्वच्छ ऊर्जा,रोजगार,ऊर्जा सुरक्षा,तकनीकी प्रगति आदि |यह 2245 मेगावाट बिजली पैदा करता है जो नवीकरणीय तथा स्वच्छ ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत है |यह कोयले जैसे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करता है जो वायु प्रदूषण तथा ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद करता है |यहाँ से 2.25 गीगावाट पावर नेशनल ग्रीन हाउस को सप्लाई की जाती है जिससे लाखों घरों को बिजली मिलती है साथ ही इको फ्रेंडली होने के कारण पावर की लागत को भी काफी कम कर रहा है |यह ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने, रोजगार प्रदान करने तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करता है जो यह दर्शाता है कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिये बड़ा कदम उठा रहा है |
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