RBI Project Nexus:क्या है आरबीआई का प्रोजेक्ट नेक्सस

आज से कुछ वर्ष पहले तक एक व्यक्ति के खाते से दूसरे व्यक्ति के खाते में पैसे भेजना बहुत मुश्किल कार्य था |बैंक में जाना पड़ता था लाइन लगानी पड़ती थी लेकिन आज अगर हम देखें तो बहुत आसान हो गया है |मोबाइल में ऐप के माध्यम से UPI सर्विस का उपयोग करके कोई भी देश के अन्दर कहीं भी किसी को भी पैसे भेज सकता है तो इसी क्रम में भारतीय रिज़र्व बैंक ने एक बहुत बड़ा विस्तार किया है तथा यह विस्तार है देश के बाहर तक अपनी पहुँच सुनिश्चित करने का यानी कि भारत के लोग देश के बाहर भी UPI सर्विस के माध्यम से पैसे भेज तथा प्राप्त कर सकते है |इस लेख में प्रोजेक्ट नेक्सस से संबंधित विषय पर चर्चा करेंगे |

RBI Project Nexus:क्या है आरबीआई का प्रोजेक्ट नेक्सस

प्रोजेक्ट नेक्सस क्या है-

प्रोजेक्ट नेक्सस की संकल्पना का का मूर्त रूप BIS (बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट) के माध्यम से हुआ है |इसके द्वारा वैश्विक स्तर पर कई घरेलू त्वरित भुगतान प्रणालियों (आईपीएस) को जोड़कर सीमापार भुगतान को बढ़ाना है |भारतीय रिज़र्व बैंक ने यह सुनिश्चित किया है कि इस प्रोजेक्ट के माध्यम से UPI को विश्व के अलग-अलग देशों से जोड़ेंगे |

प्रोजेक्ट नेक्सस से जुड़ने वाले सदस्य-

भारत प्रोजेक्ट नेक्सस का संस्थापक सदस्य तथा प्रस्तावक है |साथ ही साथ दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (आसियान) के चार देश-मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर तथा थाईलैंड भी इसके सदस्य देश है |भविष्य में इंडोनेशिया भी इस प्रोजेक्ट से जुड़ जायेगा |

समझौते पर BIS तथा संस्थापक देशों के केंद्रीय बैंकों ने 30 जून 2024 को बेसल स्विट्ज़रलैंड में हस्ताक्षर किये |

1-बैंक नेगरा मलेशिया (BNM) |

2-बैंक ऑफ़ थाईलैंड (BOT) |

3-बैंगको सेंट्रल एनजी फिलीपींस (बीएसपी) |

4-मॉनेटरी अथॉरिटी ऑफ़ सिंगापुर (एमएएस) |

5-भारतीय रिज़र्व बैंक 

इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत जो सदस्य देश होंगे वही एक दूसरे को पैसे भेज सकते और प्राप्त कर सकते है अर्थात जो देश इस प्रोजेक्ट के सदस्य नहीं है वे इसके लाभ नहीं उठा सकते है |इस प्रोजेक्ट के माध्यम से पर्सन टू पर्सन (P2P) तथा पर्सन टू मर्चेंट (P2M) सुविधा प्राप्त होगी |

प्रोजेक्ट नेक्सस के लाभ-

1-भारतीय भुगतान प्रणालियों की अंतर्राष्ट्रीय पहुँच का विस्तार तथा गति में वृद्धि |

2-70 से अधिक देशों में घरेलू भुगतान कुछ ही सेकंड में अपने गंतव्य तक पहुच जाते है तथा प्रेषक या प्राप्तकर्ता को लगभग शून्य लागत का भुगतान करना पड़ता है |यह त्वरित भी होती है |भारत में भी इस प्रकार की सर्विस है तो यदि इस सिस्टम को आपस में जैसे ही जोड़ देंगे तो कहीं न कहीं देश की दुनिया की अर्थव्यवस्था के लिये बेहतर ही होगा |

3-प्रोजेक्ट नेक्सस को त्वरित भुगतान प्रणाली (IPS) के एक-दूसरे से जुड़ने के तरीके को मानकीकृत करने के लिये डिज़ाइन किया गया है |

4-नेक्सस तत्काल सीमापार भुगतान के लिये विकास को महत्वपूर्ण रूप से तेज कर सकता है |

5-अन्य देशों को भी इस सिस्टम में किसी भी समय जोड़ा जा सकता है |

6-नेक्सस तत्काल सीमापार भुगतान के विकास को महत्वपूर्ण रूप से तेज कर सकता है |

7-भारतीय भुगतान प्रणालियों की अंतर्राष्ट्रीय पहुँच का विस्तार |

8-धन की आवाजाही अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी |

बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट (BIS)-

अंतर्राष्ट्रीय निपटान बैंक (BIS) की स्थापना 1930 में हुई थी |BIS एक अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान है, जिसमें दुनिया भर के जो केंद्रीय बैंक वह जुड़े हुए है तथा उन्ही के माध्यम से इसका स्वामित्व संचालन होता है |जिनका विश्व सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 95% योगदान है |

BIS का मुख्यालय बेसल, स्विट्ज़रलैंड में है तथा दो प्रतिनिधि कार्यालय हांगकांग SAR और मैक्सिको में है |यह केंद्रीय बैंकों की निम्न सुविधायें उपलब्ध करवाता है-

1-संवाद तथा व्यापक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिये एक प्लेटफार्म |

2-उत्तरदायित्त्वपूर्ण नवाचार ज्ञान साझाकरण के लिये एक प्लेटफार्म |

3-मुख्य नीतिगत मुद्दों पर गहन विश्लेषण |

4-मजबूत तथा प्रतिस्पर्धी वित्तीय सेवाएं |

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