जल शक्ति मंत्रालय ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत जल संकट को दूर करने के लिये नयी परियोजना की कल्पना की |यह नयी परियोजना एक परिवार को नल कनेक्शन मिलने तथा उन्हें दिए जाने वाले पानी के दैनिक कोटे के बीच अंतर को समाप्त करने पर केन्द्रित होगी |इस लेख में जल जीवन मिशन योजना के बारे में चर्चा करेंगे |

जल जीवन मिशन-

जल जीवन मिशन योजना वर्ष 2019 में शुरू की गई थी |इस योजना का क्रियान्वयन जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा किया जाता है |इसका उद्देश्य वर्ष 2024 के अंत तक सभी ग्रामीण घरों को नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति करना है |इस योजना के तहत हर घर में प्रति व्यक्ति 55 लीटर जल की आपूर्ति प्रतिदिन करने का लक्ष्य रखा गया है |यह पानी के लिये सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित है |इस मिशन के प्रमुख घटक व्यापक सूचना, शिक्षा तथा संचार है |यह कार्यक्रम अनिवार्य तत्वों के रूप में स्रोत स्थिरता उपायों को भी लागू करेगा. जैसे-भूजल प्रबंधन, जल संरक्षण वर्षा जल संचयन के माध्यम से पुनर्भरण तथा वर्षा जल का पुनः उपयोग |
जल जीवन मिशन के लक्ष्य-
इस मिशन का मुख्य लक्ष्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नियमित तथा दीर्घकालिक आधार पर निर्धारित गुणवत्ता युक्त पर्याप्त मात्रा में पीने के पानी की आपूर्ति करना है |इस मिशन के द्वारा जल आपूर्ति प्रणालियों, जल गुणवत्ता निगरानी तथा सतत कृषि की कार्य क्षमता को बढ़ाना है |साथ ही साथ संरक्षित जल के उपयोग, पेयजल स्रोत तथा पेयजल आपूर्ति प्रणाली को भी सुनिश्चित करना है |
यह स्थानीय स्तर पर जल की एकीकृत मांग तथा आपूर्ति प्रबंधन पर ध्यान केन्द्रित करता है |इसमें लक्षित 19 करोड़ में से लगभग 15 करोड़ घरों को नल के पानी के कनेक्शन दिए जा चुके है |
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जल जीवन मिशन के उद्देश्य-
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इस मिशन के निम्नलिखित उद्देश्य है-
1-प्रत्येक ग्रामीण परिवार को 'कार्यात्मक नल कनेक्शन' (FHTC) प्रदान करना है |
2-सूखे प्रभावित क्षेत्रों, गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों तथा रेगिस्तानी क्षेत्रों के गांवों, सांसद आदर्श ग्राम योजना में शामिल गांवों आदि में 'कार्यात्मक नल कनेक्शन' (FHTC) के प्रावधान को प्राथमिकता देना |
3-स्कूलों, आंगनवाड़ी केन्द्रों तथा सामुदायिक भवनों को कार्यात्मक नल कनेक्शन प्रदान करना |
जल जीवन मिशन का कार्यान्वयन-
पानी समितियां ग्रामीण जल आपूर्ति प्रणालियों की योजना, कार्यान्वयन, प्रबंधन, संचालन तथा रख-रखाव करती है |इसमें 10-15 सदस्य होते है, जिनमें कम से कम 50% महिला सदस्य तथा स्वयं सहायता समूहों के अन्य सदस्य, मान्यता प्राप्त सामाजिक तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी शिक्षक आदि शामिल होते है |समितियां सभी मौजूद ग्रामीण संसधानों को मिलाकर एक बारगी ग्राम कार्य योजना को तैयार करती है |
इस मिशन के कार्यान्वयन के लिये राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता का प्रावधान तथा जुटाना होता है |जिसमें केंद्र और राज्यों के मध्य फंड शेयरिंग पैटर्न हिमालयी तथा पूर्वोत्तर राज्यों के लिये 90:10, अन्य राज्यों के लिये 50:50 और केंद्र शासित प्रदेशों के लिये 100% है |
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जल जीवन मिशन (शहरी)-
गौरतलब है कि शहरी क्षेत्रों को जल प्रदान करने के लिये जल जीवन मिशन (शहरी) की घोषणा वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में की गई थी |इसका संचालन केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है |जल जीवन मिशन (शहरी) के उद्देश्य-
1-नल तथा सीवर कनेक्शन तक पहुँच सुनिश्चित करना |
2-जल निकायों का पुनरुत्थान |
3-चक्रीय जल अर्थव्यवस्था की स्थापना |
जल शक्ति मंत्रालय के बारे में-
यह भारत सरकार के अधीन एक मंत्रालय है |इसका गठन मई 2019 में किया गया था |इसका गठन जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्रालय और पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय को मिला कर किया गया था |वर्तमान जल शक्ति मंत्री सी.आर.पाटिल है |
वैश्विक जल संकट के बारे में-
संयुक्त राष्ट्र विश्व जल विकास रिपोर्ट 2024 के अनुसार आज भी 2.2 बिलियन लोग प्रबंधित पेयजल तक पहुँच के बिना रह रहे है |रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2022 तक दुनिया लगभग आधी आबादी ने साल के कम से कम कुछ समय के लिये पानी की गंभीर कमी का सामना किया |रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दुनिया में एक चौथाई लोगों को पानी की कमी के बेहद उच्च स्तरों का सामना करना पड़ा |
गौरतलब है कि नीति आयोग के अनुसार भारत में 600 मिलियन से अधिक लोग जल की गंभीर कमी का सामना कर रहे है |
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