हालिया ख़बरों के अनुसार कोविड-19 महामारी के पश्चात भी प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और आपातकालीन राहत कोष (PM केयर्स फंड) को वित्तीय वर्ष 2022-23 में उल्लेखनीय दान प्राप्त हुआ |यह योगदान देश तथा विदेश के लोगों के साथ-साथ संस्थानों द्वारा PM केयर्स फंड में निरन्तर विश्वास को दर्शाता है |इस लेख में Prime Minister's Cares Fund क्या है, इसकी संरचना तथा उद्देश्य के विषय में चर्चा करेंगे |

PM केयर्स फंड के बारे में-

PM केयर्स फंड का पूरा नाम-आपात स्थितियों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (Prime Minister's Citizen Assistance And Relief In Emergency Situations Fund) है |भारत सरकार ने किसी भी प्रकार की आपातकालीन तथा संकटपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए पीएम केयर्स फंड की स्थापना की है |इसकी स्थापना 27 मार्च, 2020 को की गयी थी |
कोष में अधिकतम राशि की सीमा निर्धारित नहीं है |कोष आपदा प्रबंधन को मजबूत करने तथा नागरिकों की सुरक्षा हेतु अनुसन्धान को प्रोत्साहित करने के लिए इस्तेमाल किया जायेगा |
पीएम केयर्स फंड में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (CSR) के तहत कंपनियों को योगदान अनिवार्य है |
पीएम-केयर्स फंड का ऑडिट CAG द्वारा नहीं बल्कि निजी चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा किया जाता है |
पीएम-केयर्स फंड की संरचना तथा उद्देश्य-
इसका मुख्य उद्देश्य कोविड-19 महामारी जैसी आपातकालीन परिस्थितियों से निपटना तथा प्रभावित लोगों को राहत प्रदान करना है |
यह एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट है |जिसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते है तथा अन्य सदस्यों के रूप में रक्षा मंत्री, गृह मंत्री तथा वित्त मंत्री शामिल है |
यह फंड आयकर अधिनियम, 1961 के तहत 80G लाभ के लिए योग्य है, जिससे इसमें दान करने वाले व्यक्तियों तथा संस्थानों को कर में छूट मिलती है |साथ ही कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत इसे कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) व्यय के रूप में गिना जा सकता है |
पीएम केयर्स फंड के खर्च का विवरण-
वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 912 करोड़ रुपये का योगदान फंड में दर्ज किया गया, जिसमें 909.64 करोड़ रुपये स्वैछिक योगदान तथा 2.57 करोड़ रुपये विदेशी योगदान शामिल थे |इसके अलावा, फंड को ब्याज आय के रूप में 170.38 करोड़ रुपये प्राप्त हुये |
वर्ष 2022-23 के मध्य पीएम केयर्स फंड ने विभिन्न-विभिन्न उद्देश्यों के लिए कुल 439 करोड़ रुपये का वितरण किया है |
इसमें बच्चों के लिए 346 करोड़ रुपये, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदने के लिए 91.87 करोड़ रुपये तथा अन्य मामूली खर्च शामिल है |
इसके अलावा, फंड ने विभिन्न स्रोतों से रिफंड के रूप में 225 करोड़ रुपये प्राप्त किये, जिसमें सरकारी अस्पतालों के लिए 50,000 मेड इन इंडिया वेंटिलेटर की खरीद का रिफंड भी शामिल था |
वित्तीय वर्ष 2022-23 के अंत में पीएम केयर्स फंड का समापन शेष 6284 करोड़ था, जो पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 के 5416 करोड़ रुपये से 16% अधिक है |
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष-
पाकिस्तान से विस्थापित लोगों की मदद करने के लिए जनवरी, 1948 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरु जी की अपील पर जनता के अंशदान से इसकी स्थापना की गयी थी |इस धनराशि का इस्तेमाल प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए लोगों के परिजनों तथा बड़ी दुर्घटनाओं तथा दंगों के पीड़ितों को तत्काल राहत प्रदान के लिए किया जाता है|
साथ ही हृदय शल्य-चिकित्सा, गुर्दा प्रत्यारोपण, कैंसर आदि के उपचार के लिए भी इस कोष से सहायता दी जाती है |
यह कोष केवल जनता के अंशदान से बना है |इसे कोई भी बजटीय सहायता नहीं मिलती है |कोष से धनराशि प्रधानमंत्री के अनुमोदन से वितरित की जाती है |
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष संसद द्वारा गठित नहीं किया गया है |इस कोष की निधि को आयकर अधिनियम के अंतर्गत एक ट्रस्ट के रूप में माना जाता है |इसका प्रबंधन प्रधानमंत्री अथवा विविध नामित अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय प्रयोजनों के लिए किया जाता है |
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 तथा 139 के तहत आयकर रिटर्न भरने से छूट प्राप्त है |कोष में किये गए अंशदान को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 छ के तहत कर योग्य आय से पूरी तरह छूट हासिल है |
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के अध्यक्ष होते है तथा अधिकारी अवैतनिक आधार पर इसके संचालन में उनकी सहायता करते है |
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