हॉल ही में पंचायती राज मंत्रालय ने "पंचायत हस्तांतरण सूचकांक" रिपोर्ट जारी की है, जो भारत के राज्यों तथा केंद्र शासितों प्रदेशों में पंचायतों के हस्तांतरण की स्थिति का मूल्यांकन करती है |इस लेख में पंचायत हस्तांतरण सूचकांक रिपोर्ट क्या है, रिपोर्ट की मुख्य बातें तथा राज्यों में पंचायतों के अधिकार हस्तांतरण की स्थिति पर चर्चा करेंगे |
पंचायत हस्तांतरण सूचकांक रिपोर्ट के बारें में-
भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (IIPA) द्वारा तैयार की गयी इस रिपोर्ट में 34 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल किया गया है तथा 68 जिलों की 172 पंचायतों से नमूने लिए गए है |इस सूची में कर्नाटक शीर्ष स्थान पर है तथा उसके बाद केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र तथा उत्तर-प्रदेश का स्थान है |
रिपोर्ट में राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को 6 आयामों के आधार पर रैंक दी गयी है-रूपरेखा, कार्य, वित्त, पदाधिकारी, क्षमता वृद्धि तथा जवाबदेही |
पंचायत हस्तांतरण सूचकांक रिपोर्ट की प्रमुख बातें-
1-भारतीय लोक प्रशासन संस्थान द्वारा तैयार नवीनतम रिपोर्ट से पता चलता है कि 2013-14 से 2021-22 की अवधि के मध्य हस्तांतरण 39.9% से बढ़कर 43.9% हो गया है |
2-उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के शुभारम्भ के साथ, इस अवधि के दौरान सूचकांक का क्षमता वृद्धि घटक 44% से बढ़कर 54.6% हो गया है, यानी 10% से अधिक की वृद्धि हुई है |
3-इस अवधि के दौरान, भारत सरकार तथा राज्यों ने पंचायती राज संस्थानों को भौतिक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण प्रयास किये है |
4-रिपोर्ट में पंचायतों के कामकाज को बढ़ाने तथा प्रभावी स्थानीय शासन प्राप्त करने के लिए बेहतर समन्वय तथा क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर भी बल दिया गया है |
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पंचायत हस्तांतरण सूचकांक की विशेषतायें-
1-उत्तर-प्रदेश का 15वें स्थान से पांचवें स्थान पर आना उसके केंद्रीय शासन सुधारों की प्रभावशीलता को दर्शाता है |राज्य ने अपने जवाबदेही ढांचे को बढ़ाने के लिए नवीन पारदर्शिता उपाय तथा मजबूत भ्रष्टाचार विरोधी पहल शुरू की है |इन सुधारों ने वित्तीय जवाबदेही तथा लेखापरीक्षा अनुपालन में नये मानक स्थापित किये है |
2-इसी प्रकार त्रिपुरा का 13वें स्थान से सातवें स्थान पर पहुंचना यह दर्शाता है कि छोटे राज्य भी स्थानीय शासन में उत्कृष्टता हासिल कर सकते है |राजस्व सृजन तथा राजकोषीय प्रबंधन में त्रिपुरा की उपलब्धियां शासन तथा राजकोषीय स्वास्थ्य में सुधार के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है |
भविष्य की कार्ययोजना-
भारतीय लोक प्रशासन संस्थान द्वारा किया गया यह व्यापक मूल्यांकन ने केवल उच्च प्रदर्शन करने वाले राज्यों की उपलब्धियों का जश्न मनाता है, बल्कि अन्य राज्यों को अपने ग्रामीण शासन ढांचे को बढ़ाने के लिए एक रोडमैप भी प्रदान करता है |
इन परिणामों में स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाली प्रतिस्पर्धी तथा सहकारी संघवाद की भावना भारत के ज़मीनी स्तर के शासन तथा ग्रामीण विकास की यात्रा के लिए और भी उज्जवल भविष्य का वादा करती है |
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