Gold Card Visa Of USA:हॉल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक नयी वीजा योजना की घोषणा की, जिसे गोल्ड कार्ड वीजा कहा गया है |इस योजना के तहत विदेशी निवेशकों को 5 मिलियन डॉलर (लगभग 43 करोड़) के बदले स्थायी नागरिकता (ग्रीन कार्ड) प्राप्त करने का अवसर मिलेगा |इस लेख में गोल्ड कार्ड वीजा क्या है तथा भारतीयों पर इसका क्या असर पड़ेगा विषय पर चर्चा करेंगे |
EB-5 वीजा योजना-
EB-5 वीजा योजना 1990 में प्रारम्भ किया गया था तथा यह विदेशी निवेशकों को ग्रीन कार्ड प्रदान करता था यदि वे कम से कम 1.05 मिलियन डॉलर (कुछ मामलों में 8 मिलियन डॉलर) का निवेश करें तथा कम से कम 10 नौकरियां पैदा करें |
गोल्ड कार्ड वीजा क्या है-

गोल्ड कार्ड वीजा योजना 35 वर्ष पुरानी EB-5 निवेशक वीजा योजना को प्रतिस्थापित करेगी, जो 1990 में अमेरिकी कांग्रेस द्वारा शुरू की गयी थी |इसका उद्देश्य अमेरिकी अर्थव्यवस्था में विदेशी निवेश को बढ़ावा देना है |जहाँ EB-5 वीजा की व्यवस्था के तहत, विदेशी निवेशकों को 1 मिलियन डॉलर का निवेश करने तथा 10 लोगों को रोजगार देने की शर्त थी, परंतु इस नयी योजना में इस शर्त को हटा दिया गया है |अब निवेशकों को सिर्फ आर्थिक योगदान करना होगा तथा इसके बदले वे स्थायी नागरिकता प्राप्त कर सकेंगे |अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का मानना है कि यह योजना आर्थिक विकास तथा रोजगार सृजन में मदद करेगी |
गोल्ड कार्ड वीजा योजना को US Citizenship and immigration Service (USCIS) द्वारा संचालित किया जायेगा |विदेश विभाग तथा वाणिज्य विभाग इसमें निवेश प्रबंधन की भूमिका निभा सकते है |
गोल्ड कार्ड वीजा योजना का उद्देश्य-
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गोल्ड कार्ड वीजा को लेकर कहा कि इससे विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया जायेगा, जो अमेरिका में पैसा खर्च करेंगे, कर देंगे तथा रोजगार के अवसर पैदा करेंगे |
साथ ही साथ गोल्ड कार्ड वीजा के तहत अमेरिकी सरकार 10 मिलियन गोल्ड कार्ड बेचकर देश के बजट घाटे को कम कर सकती है |
गोल्ड कार्ड योजना के लाभ-
1-अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि ये योजना अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगी |उच्च वर्ग के प्रवासी रियल एस्टेट, लक्जरी बाजार तथा व्यवासायों में निवेश कर सकते है |
2-गोल्ड कार्ड योजना EB-5 के विपरीत सरल प्रक्रिया है |
गोल्ड कार्ड वीजा योजना की कमियाँ-
1-यह निवेशकों को स्थायी निवासी कार्ड (ग्रीन कार्ड) प्रदान करेगा, जोकि अमेरिका में लम्बे समय तक रहने तथा नागरिकता प्राप्त करने का अवसर देता है |
2-इस योजना में निवेशकों को यह साबित नहीं करना होगा कि उनका पैसा क़ानूनी रूप से प्राप्त किया गया है या नहीं, जोकि EB-5 वीजा योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था |
3-इस बदलाव को लेकर कुछ आलोचनाएँ भी उठ सकती है, क्योंकि इससे धोखाधड़ी तथा मनी लॉन्ड्रिंग की संभावनायें बढ़ सकती है |
4-नागरिकता की बिक्री |
5-विदेशी प्रभाव का जोखिम |
6-कनाडा में भी इसी तरह की योजना थी लेकिन दुरुपयोग के कारण इसे बंद कर दिया गया |
भारतीय निवेशकों पर इस योजना का प्रभाव-
2023 में केवल 631 भारतीयों ने EB-5 योजना के अंतर्गत ग्रीन कार्ड प्राप्त किया था जबकि निवेश की न्यूनतम सीमा 1 मिलियन डॉलर थी |वहीँ गोल्ड कार्ड की कीमत 5 मिलियन डॉलर (लगभग 43 करोड़) होगी इसलिये यह भारतीयों के लिए आकर्षक नहीं होगा |
विश्व भर में गोल्डन वीजा की बढ़ती मांग-
1-विश्व भर के 100 से अधिक देशों में गोल्डन वीजा योजनायें चल रही है जिनका उद्देश्य उच्च वर्ग के निवेशकों को अपने देशों में निवेश करने के लिए आकर्षित करना है |
2-यूके, स्पेन, ग्रीस, माल्टा, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा तथा इटली जैसे देशों ने इस तरह की योजनाओं का संचालन किया है|
3-डोनाल्ड ट्रम्प की गोल्ड कार्ड वीजा योजना का उद्देश्य भी इसी दिशा में एक कदम और बढ़ाना है |
Read More-Global Climate Risk Index 2025:जानें क्या है वैश्विक जलवायु जोखिम सूचकांक और भारत की स्थिति