6वें बिम्सटेक शिखर सम्मलेन का आयोजन 4 अप्रैल को हुआ जिसमें भाग लेने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थाईलैंड पहुंचे |इस बार का BIMSTEC सम्मलेन थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित किया गया |इस लेख में बिम्सटेक क्या है, इसका महत्व, उद्देश्य, 2025 की थीम तथा भारत के लिए बिम्सटेक का महत्व के विषय पर चर्चा करेंगे |
BIMSTEC क्या है-

BIMSTEC का पूरा नाम-"Bay Of Bengal Initiative For Multi-Sectoral Technical And Economic Cooperation" (बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल) यह उप-क्षेत्रीय संगठन 6 जून 1997 को बैंकॉक घोषणा के माध्यम से अस्तित्व में आया था |उस समय या BIST-EC (बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग) के नाम से स्थापित किया गया था |
1997 में म्यामांर को इसमें शामिल किया गया था जिसके बाद समूह का नाम बदलकर 'BIMST-EC' (बांग्लादेश, भारत, म्यामांर, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग) कर दिया गया था |
2004 में नेपाल और भूटान के द्वारा इसमें शामिल होने के बाद इसका नाम "बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (BIMSTEC)" कर दिया गया |
बिम्सटेक के सात सदस्य बंगाल की खाड़ी के तटवर्ती तथा आस-पास के क्षेत्र से है जो क्षेत्रीय एकता को दर्शाते है |इसमें 5 दक्षिण एशियाई देश बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल तथा श्रीलंका है जबकि 2 देश-म्यामांर तथा थाईलैंड दक्षिण पूर्व एशिया से है |
यह तेजी से आर्थिक विकास तथा सामाजिक प्रगति में सहयोग के लिए एक सक्षम वातावरण बनाने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था |
यह क्षेत्रीय समूह दक्षिण तथा दक्षिण पूर्व एशिया के मध्य एक सेतु का निर्माण करता है तथा इन देशो के बीच संबंधों के सुदृढ़ीकरण का प्रतिनिधित्व करता है |
बिम्सटेक 2.7$ ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद के साथ वैश्विक आबादी के लगभग 22% हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है |
कई अन्य क्षेत्रीय समूहों के विपरीत बिम्सटेक एक क्षेत्र-संचालित सहकारी संगठन है |
बिम्सटेक का मुख्यालय ढाका, बांग्लादेश 2014 से परिचालन में है |सदस्य देशों के वर्णमाला क्रम के अनुसार के आधार पर बिम्सटेक शिखर सम्मलेन की अध्यक्षता होती है |
बिम्सटेक के उद्देश्य-
1-बंगाल की खाड़ी से सटे देशों के मध्य आर्थिक सहयोग |
2-व्यापार, प्रोद्योगिकी, ऊर्जा, परिवहन तथा पर्यावरण में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना |
3-आतंकवाद, गरीबी तथा जलवायु परिवर्तन जैसी साझा क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान |
4-सीमा-पार बुनियादी ढांचे तथा डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना |
5-जनता-से-जनता के मध्य संबंधों को मजबूत करना, सांस्कृतिक आदान-प्रदान तथा शैक्षणिक साझेदारी को सशक्त बनाना |
बिम्सटेक की प्रमुख विशेषताएं-
1-सार्क (SAARC) तथा आसियान (ASEAN) के मध्य एक सेतु |बिम्सटेक दक्षिण एशिया तथा दक्षिण-पूर्व एशिया को जोड़ने वाला एक अनूठा भू-राजनीतिक मंच है |
2-आतंकवाद विरोधी, आपदा प्रबंधन तथा समुद्री सहयोग पर ध्यान केन्द्रित |
3-बिम्सटेक संस्थागत रूप से मजबूत है |बिम्सटेक चार्टर 2022 में हस्ताक्षरित किया गया |इसका सचिवालय 2014 से पूरी तरह कार्यरत है |
बिम्सटेक का 6वां शिखर सम्मलेन-
इस शिखर सम्मलेन की थीम "समृद्ध, लचीला और खुला बिम्सटेक" है |
बिम्सटेक का 6वां शिखर सम्मलेन थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में किया गया |इस शिखर सम्मलेन के प्रमुख एजेंडा निम्नलिखित है-
1-बैंकॉक विजन 2030 को अपनाना |
2-समुद्री परिवहन सहयोग पर समझौता |
3-BIMSTEC तथा IORA (Indian Ocean Rim Association) के मध्य समझौता |
4-बिम्सटेक चार्टर को मजबूत करने के लिए नए नियम अपनाना |
इस शिखर सम्मलेन का उद्देश्य साझा सुरक्षा तथा विकासात्मक चुनौतियों का सामना करने के लिए सहयोग को मजबूत करना है |
बिम्सटेक शिखर सम्मलेन में राष्ट्राध्यक्ष या शासनाध्यक्ष भाग लेते है |प्रत्येक दो वर्ष में शिखर सम्मलेन तथा प्रत्येक वर्ष मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित करने की योजना बनाई थी |
मंत्रिस्तरीय बैठक जिसमें विदेश मंत्रियों का दूसरा शीर्ष नीति-निर्माण मंच |
वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक |
बिम्सटेक कार्य समूह-ढाका स्थित सचिवालय में मासिक बैठक जिसमें सदस्य देशों के राजदूत भाग लेते है |
बिजनेस फोरम तथा आर्थिक फोरम-निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए दो महत्वपूर्ण मंच|
बिम्सटेक चार्टर की प्रमुख विशेषताएं-
1-बिम्सटेक को एक क़ानूनी इकाई के रूप में आधिकारिक दर्जा प्राप्त है, जिससे उसे कूटनीति तथा सहयोग के मामलों पर अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सीधे बातचीत करने की अनुमति मिल गयी है |
2-चार्टर में बिम्सटेक के उद्देश्यों को रेखांकित किया गया है, जो सदस्य देशों के मध्य विश्वास तथा मैत्रीपूर्ण संबंधों का निर्माण करने तथा बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में आर्थिक विकास तथा सामाजिक प्रगति में तेजी लाने पर केन्द्रित है |
3-चार्टर नए देशों को बिम्सटेक में शामिल होने तथा अन्य देशों को पर्यवेक्षक के रूप में भाग लेने की अनुमति देकर भविष्य में विकास का मार्ग प्रशस्त करता है |
4-बिम्सटेक के संचालन के लिए एक स्पष्ट रुपरेखा स्थापित की गयी है, जिसमें शिखर सम्मलेन, मंत्रिस्तरीय तथा वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर नियमित बैठकों की रूपरेखा तैयार की गयी है |
भारत के लिए बिम्सटेक का महत्व-
1-भारत बिम्सटेक को "पड़ोसी पहले", "एक्ट ईस्ट पालिसी" तथा सागर विजन के अपने विदेश नीति उद्देश्यों को प्राथमिकता देने के लिए एक प्राकृतिक मंच के रूप में देखता है |
2-इसे भारत को बेल्ट एंड रोड पहल (BRI) के विस्तार के कारण बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों में चीन के प्रभाव का मुकाबला करने का अवसर मिलेगा |
3-भारत तथा पाकिस्तान के मध्य मतभेदों के कारण दक्षिण एशियाई सहयोग संगठन (SAARC) के अप्रभावी हो जाने से भारत को अपने पड़ोसियों के साथ जुड़ने का एक नया मंच मिला है |
4-पूर्वोत्तर भारत का विकास |बांग्लादेश तथा म्यामांर के माध्यम से पूर्वोत्तर राज्यों को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से जोड़ता है |
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