One Time Settlement Scheme:क्या है एकमुश्त समझौता योजना (OTS)

हॉल ही में राजस्थान सरकार ने One Time Settlement Scheme (एकमुश्त समझौता योजना-OTS) लागू की है |इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों तथा छोटे उद्यमियों को राहत प्रदान करने तथा भूमि विकास बैंकों की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करना है |OTS मुख्य रूप से उन कर्जदारों के लिए है जिनके कर्ज 31 मार्च 2024 तक अतिदेय (Overdue) हो चुके है |इस लेख में वन टाइम सेटलमेंट स्कीम क्या है, इसके महत्व के विषय पर चर्चा करेंगे |

One Time Settlement Scheme क्या है-

One Time Settlement Scheme:क्या है एकमुश्त समझौता योजना (OTS)

राजस्थान सरकार ने एकमुश्त समझौता योजना की घोषणा अपने वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में की थी |इस योजना का प्रथम चरण 1 मई 2025 से 30 सितम्बर 2025 तक प्रभावी रहेगा | राजस्थान अल्पसंख्यक वित्त तथा विकास सहकारी निगम लिमिटेड (RMFDCC) के द्वारा वितरित ऋणों पर ही वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लागू होगी |इस योजना के अंतर्गत आने वाले पात्र ऋणियों को 30 सितम्बर 2025 तक समस्त बकाया मूलधन का वन टाइम भुगतान करना होगा |भुगतान करने पर उन्हें साधारण ब्याज तथा दंडनीय ब्याज पर 100% छूट दी जाएगी |

इस योजना के लिए राज्य सरकार द्वारा 200 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित किया गया है |इस योजना से भूमि विकास बैंकों से जुड़ें 36,351 ऋणी सदस्यों को लाभ मिलेगा |इसका मुख्य उद्देश्य 760 करोड़ रुपये के अवधिपार ऋणों की वसूली करना है |वहीं इसमें लाभार्थी ऋणियों को 5% अनुदान के साथ पुनः ऋण लेने की पात्रता प्राप्त होगी |

One Time Settlement Scheme के महत्व-

इससे राज्य सरकार को बकाया ऋण की वसूली में सहायता मिलेगी |इस योजना से ऋणियों पर आर्थिक बोझ कम होगा जिससे वे अन्य योजनाओं से जुड़ने के लिए प्रेरित होंगे |इस योजना से अल्पसंख्यक वर्ग में सरकारी योजनाओं के प्रति विश्वास तथा सहभागिता बढ़ेगी |साथ ही साथ ऋण पुनर्भुगतान के प्रति जागरूकता तथा उत्तरदायित्व की भावना भी विकसित होगी |

भूमि विकास बैंक क्या है-

भूमि विकास बैंक मुख्य रूप से कृषि तथा ग्रामीण विकास के लिए स्थापित सहकारी बैंक है |ये बैंक  दीर्घकालिक ऋण प्रदान करते है जो भूमि सुधार, सिंचाई, कृषि यंत्र, पशुपालन तथा बागवानी आदि के लिए होते है |भारत का प्रथम भूमि विकास बैंक वर्ष 1920 में पंजाब के झंग में स्थापित किया गया था |इसके बाद वर्ष 1929 में चेन्नई में एक और बैंक की स्थापना हुई, जिससे इन बैंकों का विस्तार प्रारम्भ हुआ |भूमि विकास बैंक के वित्त के निम्नलिखित स्रोत है-

1-केंद्र तथा राज्य सरकारों से प्राप्त अनुदान तथा सहायता|

2-कृषि तथा ग्रामीण विकास योजनाओं के लिए वित्तपोषण|

3-दीर्घकालिक ऋण जुटाने हेतु बांड्स का निर्गम |

4-विभिन्न सहकारी तथा वाणिज्यिक बैंकों से प्राप्त ऋण |

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