हॉल ही में केंद्रीय सतर्कता आयोग ने प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना से धन के दुरूपयोग के लिए केरल के मुख्य सचिव के खिलाफ एक शिकायत भेजी है |इस लेख में प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना क्या है, इसके प्रमुख घटक तथा पीएम-अजय योजना के लिए पात्रता मानदंड के विषय पर चर्चा करेंगे |
PM-AJAY Yojana क्या है-

प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना अनुसूचित जातियों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए भारत सरकार के द्वारा वित्त-वर्ष 2021-22 में शुरू की गयी एक ऐतिहासिक पहल है |यह योजना तीन पूर्ववर्ती केंद्र प्रायोजित योजनाओं-प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (PMAGY), बाबू जगजीवन राम छात्रावास योजना (BJRCY) तथा अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए विशेष केंद्रीय सहायता को मिलाकर बनायीं गयी है |
इस योजना को सामाजिक न्याय तथा अधिकारिता मंत्रालय द्वारा क्रियान्वित किया जाता है, जिसका उद्देश्य अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में गरीबी को कम करना, शिक्षा के अवसरों को बढ़ाना तथा बुनियादी ढांचे में सुधार करना है |
यह योजना 100% केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित है, हालांकि राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेश अतिरिक्त धनराशि प्रदान कर सकते है |
इस योजना में राज्यों को केंद्र से धन प्राप्त करने के लिए अपनी वार्षिक कार्य योजना पीएम-अजय पोर्टल पर ऑनलाइन प्रस्तुत करनी होती है |
यह विकेंद्रीकृत योजना निर्माण प्रक्रिया राज्य तथा जिला दोनों स्तरों पर परियोजनाओं को बनाने तथा अनुमोदित करने की अनुमति देती है |
पीएम-अजय योजना के आवश्यक पात्रता मानदंड-
इस योजना के लिए पात्रता मानदंड निम्नलिखित है-
1-पीएम-अजय योजना का उद्देश्य गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति के व्यक्ति है, जो विभिन्न आय-अर्जक योजनाओं तथा कौशल विकास कार्यक्रमों के तहत लाभ के लिए पात्र है |
2-जिन गांवों में 50% या उससे अधिक अनुसूचित जाति की आबादी है, वे बुनियादी ढांचें के विकास के लिए अनुदान के पात्र है |गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले अनुसूचित जाति परिवारों के चयन के लिए दिशा निर्देश ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित प्रक्रियाओं पर आधारित है |
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पीएम-अजय योजना के प्रमुख घटक-
पीएम-अजय योजना के प्रमुख घटक इस प्रकार है-
1-आदर्श ग्राम विकास-
यह घटक जाति बहुल गांवों को आदर्श ग्राम में परिवर्तित करने पर केन्द्रित है, जिसमें बुनियादी ढांचे की खामियों को दूर किया जाता है |मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के कारणों का पता लगाना |महिलाओं तथा बच्चों में कुपोषण की समस्या का समाघान करना |
2-सामाजिक-आर्थिक परियोजनाओं के लिए अनुदान सहायता-
इसमें जिला तथा राज्य स्तर की परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जो अनुसूचित जातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति सुधारने पर केन्द्रित होती है|
3-छात्रावासों का निर्माण-
इसके अंतर्गत केंद्र, राज्य तथा केन्द्रशासित सरकारों द्वारा वित्तपोषित उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विद्यालयों में छात्रावासों के निर्माण हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है |
4-निगरानी तथा मूल्यांकन-
यह योजना प्रशासनिक व्यय के लिए कुल धनराशि का 5% तक आवंटित करती है, जिसमें केंद्रीकृत प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) का विकास, तकनीकी सहायता के लिये संस्थानों को नियुक्त करना तथा सामाजिक लेखा परीक्षण आयोजित करना शामिल है |
पीएम-अजय योजना का महत्व-
पीएम-अजय योजना भारत में अनुसूचित जातियों के सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण कदम है |यह योजना गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढांचे के विकास तथा शैक्षिक सहायता पर केन्द्रित करके सामाजिक-आर्थिक विषमताओं को दूर करने तथा समावेशी विकास को बढ़ावा देने का कार्य करती है |