हॉल ही में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त और विकास निगम लिमिटेड (NUCFDC) को प्रारंभ किया |

1-सहकारी बैंकिंग क्या है |
2-भारत में शहरी सहकारी बैंकिंग (UCB) |
3-NUCFDC के बारे में |
सहकारी बैंकिंग क्या है-
भारत में बैंकों को मुख्यतः दो मदों में रखा जा सकता हैं-व्यावसायिक बैंक तथा सहकारी बैंक |जहाँ व्यावसायिक बैंकों (राष्ट्रीकृत बैंक,स्टेट बैंक समूह,निजी क्षेत्र के बैंक,विदेशी बैंक तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक) के पास बैंकिंग व्यवसाय का भारी हिस्सा हैं वहीँ सहकारी बैंक भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है | शुरुआत में इन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण देने वाले स्थानीय स्रोतों,विशेषकर साहूकारों,को हटाने के लिए स्थापित किया गया था |आज यें कृषि और सहायक गतिविधियों,गाँव आधारित उद्योगों और कुछ कम स्तर तक शहरी केन्द्रों की व्यापार और उद्योग की जरूरतों को पूरा करते हैं |सहकारी बैंकों का एक त्रिस्तरीय ढांचा होता है-
1-प्राथमिक ऋण संस्थायें-PCS (कृषि या शहरी)
2-जिला केंद्रीय सहकारी बैंक-DCCB
3-राज्य सहकारी बैंक-SCB (शीर्ष स्तर पर)
सहकारी बैंक राज्य के सहकारी समिति अधिनियम या बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम,2002 के तहत पंजीकृत हैं |
सहकारी बैंक निम्नलिखित द्वारा शासित होते है-
2-बैंकिंग कानून (सहकारी समिति) अधिनियम,1955
भारत में शहरी सहकारी बैंकिंग (UCB)-
* शहरी सहकारी बैंक वाणिज्यिक बैंकों से भिन्न होते हैं |
* इनकी शुरुआत सहकारी ऋण समितियों की अवधारणा से शुरू हुई थी | जहाँ एक ऋण समिति के सदस्य एक-दूसरे को अनुकूल शर्तों पर ऋण देते थे |
* सहकारी बैंकों को उनके परिचालन क्षेत्र के आधार पर शहरी तथा ग्रामीण सहकारी बैंकों में वर्गीकृत किया जाता है |
* पारम्परिक रूप से UCBs का कार्य छोटे समुदायों,क्षेत्र के कार्य समूहों तक केन्द्रित थे |
* शहरी सहकारी बैंकिंग का उद्देश्य छोटे व्यवसायिकों को धन उपलब्ध कराना एवम् स्थानीय लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ना था |
NUCFDC के बारे में-
यह शहरी सहकारी बैंकों के लिए एक अम्ब्रेला संगठन है | इसके तहत सहकारी बैंकों के सभी हितधारकों से प्रतिस्पर्धी बाजार में लचीलापन सुनिश्चित करने हेतु आधुनिकीकरण और विस्तार पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए कहा गया है |
राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त और विकास निगम लिमिटेड (NUCFDC) को गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी तथा शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के लिए अम्ब्रेला संगठन के रूप में कार्य करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक(RBI) द्वारा पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त हुआ है |
इसके अलावा इसे क्षेत्र के लिए स्व-नियामक संगठन के रूप काम करने की अनुमति दी जायेगी |
NUCFDC पहल का उद्देश्य शहरी सहकारी बैंकिंग क्षेत्र को आधुनिक तथा सुदृढ़ बनाना है,जिससे बैंकों के साथ साथ उनके ग्राहकों दोनों को लाभ प्राप्त होगा |
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