पहले जिन चीजों के बारे में इंसान सिर्फ सोचता था |विज्ञान की बदौलत अब वह चीज इंसानों ने मुमकिन कर दिखायी है |जिसमें स्पेस टूरिज्म का नाम भी शामिल है |वर्ष 2001 में अमेरिकी बिजनेसमैन डेनिस टीटो स्पेस की यात्रा करने वाले पहले व्यक्ति थे |इसके बाद से ही स्पेस टूरिज्म में लोगों की रूचि काफी बढ़ गई तथा साथ ही कई कंपनियां भी अब स्पेस टूरिज्म के लिये योजनायें बना रही है |गोपी थोटाकुरा पर्यटक के रूप में अंतरिक्ष यात्रा करने वाले पहले भारतीय होंगे |इस लेख में स्पेस टूरिज्म के बारें में विस्तार से चर्चा करेंगे |
इस लेख में-
1-स्पेस टूरिज्म क्या है |
2-अंतरिक्ष यात्रा करने वाले पहले भारतीय |
3-स्पेस टूरिज्म की विशेषताएं |
4-स्पेस टूरिस्टो के सामने आने वाली चुनौतियाँ |
स्पेस टूरिज्म क्या है-

स्पेस यात्रा को तीन भागों में बांटा गया है जिसमें पहला है सब ऑर्बिटल टूरिज्म या अंतरिक्ष यात्रा का सबसे आसान तथा कम बजट वाला अंतरिक्ष टूर है |इसमें यात्री अंतरिक्ष में जाते है लेकिन पृथ्वी की कक्षा यानी कि पृथ्वी के ऑर्बिट में प्रवेश नहीं कर सकते है |वें केवल कुछ मिनट के लिये वेटलेस महसूस करते है साथ ही कम अवधि के कारण जल्दी पृथ्वी पर वापस लौट आते है |
वर्तमान में केवल कुछ ही कंपनी सब ऑर्बिटल उड़ाने प्रदान करती है जिनमें वर्जिन गैलेक्टिक तथा ब्लू ओरिजिन का नाम शामिल है |वर्जिन गैलेक्टिक रिचर्ड ब्रंस और वर्जिन ग्रुप द्वारा स्थापित एक ब्रिटिश अमेरिकी अंतरिक्ष उड़ान कंपनी है |ब्लू ओरिजिन भी एक एक अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी है |
दूसरा नाम ऑर्बिटल टूरिज्म है जोकि एक अधिक उन्नत प्रकार का अंतरिक्ष पर्यटन है जिसमें यात्री पृथ्वी के ऑर्बिट में प्रवेश कर सकते है तथा अंतरिक्ष से पृथ्वी का पूरा दृश्य देख सकते है और कई दिनों तक वेटलेस महसूस कर सकते है |वर्तमान में केवल एक ही कंपनी Space X जो आईएसएस (ISS) यानी इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिये कमर्शियल फ्लाइट प्रदान करती है |यह एक अमेरिकी कंपनी है |इसकी स्थापना 2002 में एलन मस्क द्वारा अंतरिक्ष परिवहन लागत को कम करने तथा मंगल ग्रह पर एक स्थायी कॉलोनी विकसित करने के लक्ष्य के साथ की गई थी |
तीसरा और सबसे आखिरी नाम लूनर टूरिज्म है |इसके बारें में बात करें तो यह अंतरिक्ष पर्यटन का सबसे महत्वकांक्षी प्रकार है जिसमें यात्री चन्द्रमा की यात्रा करते है लेकिन यह अभी भी विकास की राह पर है |Space X तथा ब्लू ओरिजिन कंपनियां लूनर टूरिज्म मिशन को विकसित करने का प्रयास कर रही है |
इन तीनों अंतरिक्ष पर्यटन के बीच में मुख्य अंतर की बात करें तो इनमें अंतर ऊंचाई तथा यात्रा की अवधि का है |सब ऑर्बिटल टूरिज्म सबसे कम ऊँचाई तथा सबसे कम अवधि वाला है जबकि लूनर टूरिज्म में सबसे अधिक ऊँचाई तथा सबसे लम्बी अवधि है |
बीते वर्ष स्पेस टूरिज्म यानी अंतरिक्ष पर्यटन बहुत तेजी से बढ़ा है |2023 में अंतरिक्ष पर्यटन बाजार का मूल्य 848.28 मिलियन डॉलर था जिसे 2032 तक 27,861.99 मिलियन डॉलर तक ले जाने की उम्मीद है |
अंतरिक्ष यात्रा करने वाले पहले भारतीय-
गोपी थोटाकुरा ब्लू ओरिजिन के एनएसएस 25 मिशन के जरिये पर्यटन के रूप में अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय होंगे |गोपी थोटाकुरा को मिशन के लिये छह चालक दल के सदस्यों में से एक के रूप में चुना गया है |हालांकि यह मिशन कब लॉन्च होगा यह अभी नहीं बताया गया है |इस मिशन की शुरुआत ब्लू ओरिजिन के फाउंडर जेफ़ बेजोस द्वारा की गई है जो अमेज़न के संस्थापक है |
स्पेस टूर पर जाने वाले पहले भारतीय विंग कमांडर राकेश शर्मा थे जिन्होंने 1984 में सोवियत अंतरिक्ष यान पर सैल्यूट 7 अंतरिक्ष स्टेशन के लिये उड़ान भरी थी |
स्पेस टूरिज्म की विशेषताएं-
स्पेस टूरिज्म के दौरान काफी चीजें देखने को मिलेंगी |अंतरिक्ष से पृथ्वी की अद्भुत खूबसूरती को देख पाएंगे साथ ही उभरते हुये बादल तथा विशाल महासागर को देख सकते है |इसके अतिरिक्त सूर्योदय तथा सूर्यास्त जिसे पृथ्वी पर जिस तरीके से देखते है इस यात्रा के दौरान अद्भुत और अलग तरीके से देख पाएंगे |साथ ही उन खगोलीय पिंडों को देख सकते है जो धरती से नहीं दिखाई देते है |
स्पेस टूरिस्टो के सामने आने वाली चुनौतियाँ-
इस यात्रा के दौरान अंतरिक्ष यात्रियों को कई प्रशिक्षण से गुजरना पड़ेगा |उन्हें शारीरिक रूप से स्वस्थ, मानसिक रूप से मजबूत तथा वैज्ञानिक और तकनीकी रूप से कुशल होना चाहिए |इस यात्रा के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण बल कम होता है जिससे शरीर में कई बदलाव देखे जा सकते है |अंतरिक्ष में रेडिएशन लेवल पृथ्वी की तुलना में बहुत अधिक होता है जो स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हो सकता है |
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