हम जब भी अपने गाँव या शहर से दूर किसी क्षेत्र में जाते है तो हमको कई नेटवर्क कनेक्टिविटी से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसकी वजह से कई जरुरी काम वक्त पर नहीं पूरे हो पाते है लेकिन अब इस समस्या के उपाय के तौर पर सरकार ने डिजिटल भारत निधि की शुरुआत की |जिसकी मदद से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क कनेक्टिविटी को सुधारने के लिये प्रयास किया जायेगा |इस लेख में डिजिटल भारत निधि क्या है तथा यह कैसे काम करेगी विषय पर चर्चा करेंगे |

\डिजिटल भारत निधि-

यह भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक नयी पहल है |इसका उपयोग दूर-दराज के इलाकों में टेलीकॉम सेवाओं को बेहतर बनाने भारतीय टेलीकॉम उपकरणों के निर्माण को बढ़ावा देने तथा साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिये किया जायेगा |इसे टेलीकॉम बिल 2023 के तहत स्थापित किया गया है |आसान शब्दों में कहे तो यह एक वित्तीय कोष है जिसका उपयोग भारत में डिजिटल प्रगति को बढ़ावा देने के लिये किया जायेगा या नयी तकनीकों तथा उद्यमिता को प्रोत्साहित करने में भी मदद करेगा |यह निधि पहले से मौजूद यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड यानी यूएसओएफ (USOF) की जगह लेगी |
USOF टेलीकॉम कंपनियों द्वारा अपने समायोजन सकल राजस्व यानी कि जीजीआर पर लिये जाने वाले 5 प्रतिशत यूनिवर्सल सर्विस लेवी से प्राप्त धन का एक पूल था इस फंड का उपयोग रूरल तथा ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीकॉम नेटवर्क के विस्तार के लिये किया जाता था |जहाँ निजी कंपनियां कम मुनाफे के कारण सेवाएं देने से बचती थी |सरकार का लक्ष्य है कि डिजिटल भारत निधि के तहत प्राप्त धन का उपयोग ग्रामीण तथा रूरल क्षेत्रों में टेलीकॉम नेटवर्क के विस्तार के लिये किया जाये साथ ही शहरी इलाकों में भी उन इलाकों को कवर किया जाये जहाँ अभी तक टेलीकॉम सेवाएं नहीं पहुंच सकी |
डिजिटल भारत निधि कैसे काम करेगा-
टेलीकॉम कंपनियों द्वारा डिजिटल भारत निधि में किये गये योगदान को पहले भारत के संचित कोष यानी कंसोलिडेटेड फंड ऑफ़ इंडिया में जमा किया जायेगा जिसके बाद सरकार समय-समय पर इसमें एकत्रित धन को डिजिटल भारत निधि में जमा करेगी |इस डिजिटल भारत निधि में इकठ्ठा किये गये पैसों का इस्तेमाल कम सेवा वाले ग्रामीण रूरल तथा शहरी क्षेत्र में टेलीकॉम सेवाओं तक पहुँच और वितरण को बढ़ावा देने टेलीकॉम सेवाओं, प्रोद्योगिकियों तथा उत्पादों के अनुसंधान एवम विकास कोष को बढ़ावा देने, कनेक्टिविटी में सुधार के लिये पायलट परियोजनाओं, परामर्श सहायता तथा सलाहकार समर्थन का वित्त पोषण करने टेलीकॉम सेवाओं इंडस्ट्रीज तथा उत्पादों को शुरू करने के लिये फंड देने में किया जायेगा |
डिजिटल भारत निधि की आवश्यकता क्यों पड़ी-
जब पहले से इस काम के लिये USOF था तो डिजिटल भारत निधि को लाने की आवश्यकता क्यों पड़ी दरअसल USOF की स्थापना 2003 में हुई थी |इसकी एक बड़ी समस्या यह रही है कि इसके फंड का पूरी तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पता था |दिसम्बर 2022 में संसद में साझा की गई एक जानकारी के अनुसार 2017 से 2022 के बीच टेलीकॉम कंपनियों द्वारा USOF में कुल 41740 करोड़ रूपए का योगदान किया गया था जिसमें से केवल 30213 करोड़ लगभग 72% का ही उपयोग किया गया |एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसकी वजह से ही इस नयी निधि को लाया जा रहा है ताकि फंड का इस्तेमाल सही तरीके से किया जा सके |फिलहाल यह आने वाला समय ही बतायेगा कि डिजिटल भारत निधि USOF से ज्यादा प्रभावी साबित होगा या नहीं लेकिन यह स्पष्ट है कि टेलीकॉम विभाग ग्रामीण भारत में डिजिटल कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिये गंभीर है |डिजिटल भारत निधि के सफल कार्यान्वयन से देश के रूरल तथा ग्रामीण क्षेत्रों में संचार क्रांति होने के उम्मीद की जा सकती है |