इस लेख में सरकार एक नए प्रोग्राम के बारे में चर्चा करेंगे जो हमारे देश के किसानों के मदद करेगा तथा इस प्रोग्राम का नाम है Clean Plant Program (स्वच्छ पौध कार्यक्रम-CPP) |इस लेख में क्लीन प्लांट प्रोग्राम क्या है, इसके उद्देश्य तथा आवश्यकता संबंधित विषयों पर चर्चा करेंगे |

क्लीन प्लांट प्रोग्राम क्या है-

क्लीन प्लांट प्रोग्राम भारत सरकार का एक नया प्रोग्राम है जिसके माध्यम से बागवानी फसलों में गुणवत्ता, उपज तथा उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया जायेगा |जिसमें फलों की फसलों पर विशेष महत्व दिया जायेगा |क्लीन प्लांट प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य किसानों को केमिकल मुक्त तथा उच्च गुणवत्ता वाली कृषि सामग्री वितरित करना जिससे वे स्थायी कृषि तकनीकों को अपना सकें और अपनी आय में वृद्धि कर सकें साथ ही साथ विश्व स्तर पर फल बाजारों में भारत की स्थिति मजबूत हो सकें |
फरवरी 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में क्लीन प्लांट प्रोग्राम की घोषणा की थी |इस प्रोग्राम के लिये सरकार ने 1765 करोड़ रुपये का बजट रखा है आधा पैसा MIDH (Mission For Integrated Development Of Horticulture) से आएगा तथा बाकी का ADB (Asian Development Bank) से सरकार लोन लेगी |
क्लीन प्लांट प्रोग्राम के उद्देश्य-
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इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य देश के फलों की पैदावार को तथा गुणवत्ता को बढ़ाना है |साथ ही साथ किसानों को विषाणुरहित तथा गुणवत्तापूर्ण कृषि सामग्री उपलब्ध कराना है |जिससे बागवानी उपज की गुणवत्ता में वृद्धि तथा सुधार होगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी |
क्लीन प्लांट प्रोग्राम कैसे काम करेगा-
इस प्रोग्राम के 3 प्रमुख चरण है-
1-9 क्लीन प्लांट सेंटर्स (CPC):
यह सेंटर्स पौधे के रोग का पता लगायेंगे तथा उनका इलाज करेंगे और ऐसे मदर प्लांट्स बनायेंगे जो बीमारी मुक्त हो तथा यह बाहर से आने वाले प्लांट को और देश के अन्दर के प्लांट्स को क्वांटन करेंगे |
2-बड़े नर्सरी बनाये जायेंगे:
जहाँ क्लीन प्लांट सेंटर्स से आये मदर प्लांट्स को बढ़ाया जायेगा ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों तक यह पहुँच सके |
3-विनियामक तथा प्रमाणन प्रक्रियाएं:
नये रेगुलेशन तथा नया सर्टिफिकेशन सिस्टम बनाया जायेगा जिससे यह पता चलता रहे कि कौन सा प्लांट कहाँ से आया और कहाँ जा रहा है |
क्लीन प्लांट प्रोग्राम की आवश्यकता-
चीन के बाद भारत ही विश्व का सबसे अधिक फल तथा सब्जी उगाने वाला देश है |पिछले 10 वर्षों में भारत ने फलों की खेती को 24 मिलियन हेक्टेयर से बढ़ाकर 28.63 मिलियन हेक्टेयर कर दिया है |उत्पादन भी 277 मिलियन टन से बढ़ाकर 352 मिलियन टन हो गया परंतु आजकल लोग नये-नये फल खाना चाहते है जैसे ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो, ब्लूबेरी |समस्या यह है कि इन फलों के प्लांट्स को विदेश से मंगवाना पड़ता है |पहले यह प्रक्रिया बहुत मुश्किल थी बाहर से आये प्लांट्स को 2 वर्ष तक क्वांटन में रखना पड़ता था |अब क्लीन प्लांट प्रोग्राम के माध्यम से यह समय सिर्फ 6 महीने का हो जायेगा |
क्लीन प्लांट प्रोग्राम का भारतीय कृषि पर प्रभाव-
क्लीन प्लांट प्रोग्राम भारतीय कृषि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण क्रान्ति ला सकता है |यह प्रोग्राम आर्थिक लाभ प्राप्त करने के अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा तथा टिकाऊ कृषि की और ध्यान देती है |इसके द्वारा भारतीय बागवानी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार आ सकते है |जिससे बागवानी उपज की गुणवत्ता में वृद्धि तथा सुधार होगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी |साथ ही साथ विश्व स्तर पर फलों के बाजारों में भारत की स्थिति मजबूत होगी |
क्लीन प्लांट प्रोग्राम से संबंधित चुनौतियाँ-
1-इस प्रोग्राम को सफल बनाने के लिये कृषि मंत्रालय, राज्य सरकारों तथा किसानों के मध्य समन्वय का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है |
2-बुनियादी ढांचे का विकास |
3-विनियामक तथा प्रमाणन प्रक्रियायें |
Mission For Integrated Development Of Horticulture (MIDH) क्या है-
MIDH एक केंद्रीय प्रायोजित योजना है जो 2014-15 में शुरू हुई थी |इसका उद्देश्य पूरे देश में बागवानी (Horticulture) को बढ़ावा देना है |यह योजना फल, सब्जी, मशरूम, मखाना, बैंबू तथा नारियल जैसे फसल पर फोकस रखती है |MIDH के माध्यम से सरकार किसानों को सब्सिडी देती है, प्रशिक्षण देती है तथा मार्केटिंग में मदद करती है |अब यही MIDH क्लीन प्लांट प्रोग्राम को सहायता कर रही है |
एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB)-
ADB एक क्षेत्रीय डेवलपमेंट बैंक है जो एशिया तथा पैसिफिक क्षेत्र के देशों की मदद करता है |इसकी स्थापना 19 दिसम्बर 1966 को हुई थी तथा इसका मुख्यालय फिलीपींस की राजधानी मनीला में है | ADB का मुख्य कार्य इन देशों में गरीबी को कम कम करना तथा लोगों की जिंदगी बेहतर बनाना |यह बैंक कई तरह के प्रोजेक्ट्स के लिये लोन देता है जैसे-आधारभूत संरचना, शिक्षा तथा कृषि |क्लीन प्लांट प्रोग्राम के लिये भी ADB ने लोन देने का फैसला किया है जो इस बात की और संकेत करता है कि यह प्रोग्राम भारत सरकार के लिये कितना महत्वपूर्ण है |