Matsya 6000:भारत का समुद्रयान मिशन और मत्स्य 6000 पनडुब्बी

इस लेख में भारत के एक नए तथा अद्भुत मिशन के बारें में चर्चा करेंगे जिसने चंद्रयान 3 तथा आदित्य L1 के बाद एक और इतिहास रचने की तैयारी कर ली है |यह मिशन है समुद्रयान मिशन जो हमें समुद्र की गहराई में छिपे अनमोल खजानों की और ले जायेगा |इस लेख में समुद्रयान मिशन तथा Matsya 6000 पनडुब्बी के बारें में विस्तार से चर्चा करेंगे |

Matsya 6000:भारत का समुद्रयान मिशन और मत्स्य 6000 पनडुब्बी

मत्स्य 6000-

भारत अब समुद्र की गहराई में जाने वाला है वह भी 6000 मीटर नीचे तक तथा यह काम किया जायेगा भारत की स्वदेशी पनडुब्बी मत्स्य 6000 के जरिये |मत्स्य 6000 का अक्टूबर या नवम्बर की शुरुआत में इसका वेट टेस्ट अर्थात समुद्र का पहला परीक्षण किया जायेगा |पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय तथा राष्ट्रीय महासागर प्रोद्योगिकी संस्थान ने पनडुब्बी के सभी हिस्से इंटीग्रेट कर लिये है तथा मात्र कुछ टूल्स का इंतजार है |

इस पनडुब्बी का उपयोग समुद्र में होने वाले जलवायु परिवर्तनों की निगरानी के लिये भी किया जायेगा |जल्द ही इसका वेट टेस्ट किया जायेगा वेट टेस्ट के दौरान मत्स्य 6000 को चेन्नई बंदरगाह पर समुद्र में लगभग 15 मीटर की गहराई में उतारा जायेगा |इस दौरान पनडुब्बी की क्षमता गति जीवन समर्थन प्रणाली की दक्षता तथा पानी के नीचे संचार की जाँच की जायेगी |इस परीक्षण से यह भी पता चलेगा कि पनडुब्बी समुद्र के दबाव को कितना सह सकती है |परीक्षण के आधार पर जरुरी सुधार किये जायेंगे ताकि मिशन 2026 तक पूरा हो जाएँ |

मत्स्य 6000 पनडुब्बी के नामकरण की बात करें तो इस पनडुब्बी का नाम भगवान विष्णु के अवतार मत्स्य पर रखा गया है |इसका डिज़ाइन पूर्णतया स्वदेशी है तथा इसमें टाइटेनियम एलॉय (Titanium Alloy) का इस्तेमाल किया गया है |

मत्स्य 6000 की विशेषतायें-

Matsya 6000:भारत का समुद्रयान मिशन और मत्स्य 6000 पनडुब्बी

कुल मिलाकर मत्स्य 6000 एक उन्नत तथा अत्याधुनिक पनडुब्बी है जिसमें कई खूबियाँ है जैसे कि एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम, नेविगेशन उपकरण, सैंपल सिलेक्शन के लिये रोबोटिक्स आर्म्स, उच्च रेजोल्यूशन इमेजिंग सिस्टम |

मत्स्य 6000 पनडुब्बी भी समुद्र से 600 गुना अधिक दबाव को झेल सकती है तथा इसका व्यास 2.1 मीटर है |इसमें एक साथ तीन लोग 12 घंटे तक समुद्र की गहराई में रह सकते है तथा इसमें आपात स्थिति में 93 घंटें तक का सपोर्ट सिस्टम भी है |

समुद्रयान मिशन-

Matsya 6000:भारत का समुद्रयान मिशन और मत्स्य 6000 पनडुब्बी

समुद्रयान मिशन भारत का गहरे समुद्र में अन्वेषण के लिये पहला मानवयुक्त मिशन है |जिसे 29 अक्टूबर 2021 को चेन्नई से लॉन्च किया गया था |इस मिशन की कुल लागत 4100 करोड़ रुपये है |इसका मुख्य उद्देश्य समुद्र की गहराई में छिपे दुर्लभ खनिजों जैसे पॉलीमेटेलिक मैंगनीज नोड्यूल, हाइड्रो-थर्मल सल्फाइड, गैस हाइड्रेटस तथा कोबाल्ट क्रस्ट का खनन करना है जोकि समुद्र की 1000 से 5500 मीटर तक की गहराई में पाए जाते है |

यह मिशन भारत को अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस तथा चीन जैसे देशों की कतार में खड़ा करेगा जिस्नके पास गहरे समुद्र में जाने की तकनीकी है |यह मिशन न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है बल्कि यह हमारी तकनीकी क्षमता का भी प्रतीक है |

गहरे महासागर मिशन के बारें में-

गहरे महासागर मिशन भारत की ब्लू इकोनॉमी की पहल के लिये एक मिशन मोड प्रोजेक्ट है |पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय इस मिशन को लागू करने वाला नोडल मंत्रालय होगा |गहरे महासागर मिशन का उद्देश्य भारत को 100 अरब की ब्लू इकोनॉमी का लक्ष्य प्राप्त करने में सहायता करना |गहरे महासागर मिशन के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित है-

1-जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र में आने वाले दीर्घकालिक समस्याओं का समाधान करना |

2-जैव विविधता तथा खनिजों के खनन के लिये प्रोद्योगिकी विकसित करना |

3-समुद्र के अन्दर रोबोटिक्स विकसित करना |

4-समुद्री जैव विविधता के सतत विकास के लिये नवाचार तकनीकों का विकास करना |

5-नवीकरणीय ऊर्जा तकनीक को विकसित करना |

6-समुद्र के जल का अलवणीकरण तथा स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिये रास्ते तलाशना |

FAQ-

1-मत्स्य 6000 क्या है ?

भारत की प्रथम मानव चालित पनडुब्बी |

2-मत्स्य 6000 का निर्माण किसने किया ?

National Institute Of Ocean Technology

3-National Institute Of Ocean Technology का मुख्यालय कहाँ है ?

चेन्नई

4-प्रोजेक्ट समुद्रयान की नोडल एजेंसी कौन सी है ?

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय |

5-मत्स्य 6000 का नामकरण किसके नाम पर किया गया है ?

भगवान विष्णु के मत्स्य के अवतार पर |

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