Huiyen Lallong:मणिपुर की प्राचीन मार्शल आर्ट्स हुईयेन लाललोंग जिसमें मनु भाकर को हासिल है महारत |

इन दिनों Huiyen Lallong जोकि मणिपुर का एक प्राचीन मार्शल आर्ट्स है काफी चर्चा में है |इस लेख में मणिपुर के इस प्राचीन मार्शल आर्ट्स Huiyen Lallong के इतिहास तथा इससे जुड़े विषय पर चर्चा करेंगे |

इस लेख में-

1-Huiyen Lallong के बारें में |

2-हुईयेन लाललोंग का इतिहास |

3-हुईयेन लाललोंग की तकनीक |

4-हुईयेन लाललोंग की वर्तमान में प्रासंगिकता |

5-हुईयेन लाललोंग तथा आधुनिक मार्शल आर्ट्स में अंतर|

6-हुईयेन लाललोंग से जुड़े प्रसिद्ध व्यक्ति |

Huiyen Lallong के बारें में-

Huiyen Lallong:मणिपुर की प्राचीन मार्शल आर्ट्स हुईयेन लाललोंग जिसमें मनु भाकर को हासिल है महारत |

हुईयेन लाललोंग जिसे हुईयेन लैंनलॉन्ग भी कहा जाता है |मणिपुर का एक प्राचीन मार्शल आर्ट्स है |हुईयेन शब्द का अर्थ मैतेई भाषा में युद्ध होता है जबकि लैंनलॉन्ग का मतलब ज्ञान या कला होता है |इसमें दो प्रमुख भाग होते है Thang-Ta जो है आर्म्ड कॉम्बैट (सशस्त्र लड़ाई) तथा सरित सरक जो है अन-आर्म्ड कॉम्बैट (निहत्थे लड़ाई) |हुईयेन लाललोंग के हथियार थांग-तलवार और ता-भाला है |ढाल तथा कुल्हाड़ी अन्य हथियार उपयोग में लाये जाते है|

हुईयेन लाललोंग का इतिहास-

हुईयेन लाललोंग का इतिहास लगभग 2000 वर्ष पुराना है |इसका उल्लेख मणिपुर की प्राचीन पुस्तकों में भी मिलता है |पुराने ज़माने में मणिपुर में लल्लुप व्यवस्था थी |लल्लुप व्यवस्था एक तरह का मैंडेटरी मिलिट्री सर्विस फॉर ऑल एबल-बॉडीड मैन यानी सिर्फ पुरुषों के लिये था |हुईयेन लाललोंग इस व्यवस्था का एक मुख्य भाग था |

17वीं से 18वीं शताब्दी में जब मणिपुर पर हमले होते थे तब हुईयेन लाललोंग ने राज्य की सुरक्षा में प्रमुख भूमिका अदा की |हुईयेन लाललोंग सिर्फ एक मार्शल आर्ट्स ही नहीं है बल्कि यह मणिपुर की संस्कृति का एक अभिन्न भाग है |मणिपुरी लोग इसे सिर्फ आत्मरक्षा के लिये नहीं बल्कि एक जीवन पद्वति (वे एंड आर्ट ऑफ़ लाइफ) के तौर पर भी देखते है |

इसकी सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि हुईयेन लाललोंग का संबंध मणिपुरी डांस फॉर्म्स से भी आता है विशेषकर थांग ता डांस (Thang Ta Dance) |

हुईयेन लाललोंग की तकनीक-

Huiyen Lallong:मणिपुर की प्राचीन मार्शल आर्ट्स हुईयेन लाललोंग जिसमें मनु भाकर को हासिल है महारत |

हुईयेन लाललोंग में बहुत सारी कॉम्बैट तकनीक है |जिसमें पहली है थैंगौ पालबा (Thengou Palba)-इसमें तलवार तथा ढाल दोनों प्रयोग होते है |दूसरा है थोमेई (Thaomei)-यह है स्पीयर फाइटिंग भाला चलाने की एक अनोखी कला तथा तीसरा है कैंगलान चाटपा (kanglon Chatpa)-इसमें हाई जम्प्स तथा किक्स होते है |अंतिम में ध्यान तथा श्वांस लेने का अभ्यास भी इसका अभिन्न भाग है|

हुईयेन लाललोंग से सिर्फ शरीर ही नहीं बल्कि माइंड भी प्रशिक्षित होता है |हर मार्शल आर्ट्स की एक फिलॉसफी होती है |हुईयेन लाललोंग की फिलॉसफी है थांग ता इसका मतलब है बॉडी माइंड तथा आत्मा का उत्तम संतुलन |यह मानवता और फ़ोर्स का नैतिक प्रयोग करना सिखाता है |

हुईयेन लाललोंग की वर्तमान में प्रासंगिकता-

वर्तमान में हुईयेन लाललोंग का खेल के तौर पर अभ्यास किया जा रहा है |मिनिस्ट्री ऑफ़ यूथ अफेयर्स एंड स्पोर्ट्स ने इसे खेलों इंडिया स्कीम के अंडर रिकॉग्नाइज किया है तथा हुईयेन लाललोंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया इसे प्रमोट करने में लगी है |

हुईयेन लाललोंग तथा आधुनिक मार्शल आर्ट्स में अंतर-

हुईयेन लाललोंग सिर्फ प्रतियोगिता पर ही नहीं बल्कि समग्र विकास पर फोकस करता है |इसमें आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक तत्त्व भी शामिल है |साथ ही साथ इसमें काफी सारे प्राचीन हथियारों का भी प्रयोग होता है |जबकि आधुनिक मार्शल आर्ट्स प्रतियोगिता पर आधारित होते है |

हुईयेन लाललोंग से जुड़े प्रसिद्ध व्यक्ति-

हुईयेन लाललोंग से कनेक्टेड कुछ प्रसिद्ध व्यक्ति जैसे-मनु भाकर जोकि ओलंपिक में ब्रोंज मेडलिस्ट है वह अपना फोकास इम्प्रूव करने के लिये हुईयेन लाललोंग का अभ्यास करती है |जबकि दूसरी खिलाड़ी एल सरिता देवी जोकि एक बॉक्सर है अपनी ट्रेनिंग में हुईयेन लाललोंग को शामिल करती है |

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