
दुनिया में कई अलग-अलग प्रकार के जीव है जो देखने में भी अलग है तथा उनकी आदतें भी अलग है |इन अनोखी जीवों की प्रजाति में कुछ ऐसे जानवर है जिनकों हम काफी करीब से जानते है तथा कुछ ऐसे जीव है जिनके बारे में शायद ही जानते होंगे |लेकिन यदि आप से कहा जाये कि कुछ ऐसे जानवर है जो कभी पानी नहीं पीते है या एक ऐसा पक्षी है जो केवल बारिश के पानी से अपनी प्यास बुझाता है तथा एक ऐसा जीव है जो पानी में रहने के बाद भी पानी नहीं पीता तो आप हैरान हो जायेंगे | इस लेख में ऐसे ही हैरान कर देने वाले जीवों के बारे में चर्चा करेंगे |
1-कंगारू रैट-

ये जानकर हैरानी होगी लेकिन चूहे की एक प्रजाति है जो बिना पानी पिए रहता है |इसका नाम कंगारू रैट है |चूहे के ये प्रजाति उत्तरी अमेरिका के रेगिस्तान में पायी जाती है |रेगिस्तान में रहने के बावजूद ये जानवर पानी नहीं पीता है |दरअसल इसके शरीर में भारी मात्रा में पानी होता है जिसकी वजह से इसे पानी पीने की जरुरत नहीं पड़ती है |यह चूहा अपने मूत्र का उत्सर्जन ठोस रूप से करता है |इसके शारीरिक ढांचें की बात की जाये तो इसकी टांगे तथा पूँछ कंगारू से मिलती जुलती है |इसीलिए इसे कंगारू रैट कहा जाता है |इनके गालो के बाहर वैसी ही थैली होती है जैसे कि कंगारू की होती है |इतना ही नहीं कंगारू की तरह ये छलांग लगाने में भी माहिर होते है |ये चूहा 1 सेकेंड में 6 मीटर की दूरी पार कर लेता है |इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ़ नेचर (IUCN) संगठन के अनुसार यह चूहा लुप्त प्रजाति में वर्गीकृत है |
2-मेढ़क-

मेढ़क एक ऐसा जीव है जो पानी में रहने के बाद भी पानी नहीं पीता है |दरअसल मेढ़क एक ऐसा जीव है जिसको अन्य जीवों के जैसे पानी की आवश्यकता तो होती है लेकिन वह अपने शरीर में पानी की कमी को पूरा करने के लिये पानी नहीं पीता बल्कि पानी को अपने चमड़े से सोखता है |इस प्रक्रिया को ऑसमोसिस कहा जाता है |इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ़ नेचर (IUCN) संगठन के अनुसार दुनिया भर में मेढ़क की 41% प्रजातियां विलुप्त होने के खतरे का सामना कर रही है |
3-स्पंज और जेलीफ़िश-

ये जीव समुद्र में रहने के बाद भी पानी नहीं पीते है |समुद्र में रहने वाले ये जीव अपने भोजन से पानी प्राप्त करते है |वें समुद्र के पानी से पोषक तत्वों को अवशोषित करते है तथा अतिरिक्त पानी को अपने शरीर से बाहर निकाल देते है |
4-चातक पक्षी (Skylark Bird)-

ये एक ऐसी पक्षी है जो बारिश के पानी से अपनी प्यास बुझाती है |यह पक्षी परोपजीवी श्रेणी के अंतर्गत आता है जो अपने बनाये घोसले में नहीं रहती है साथ ही साथ अपने बच्चे को भी नहीं पालती है |भारतीय साहित्य में इस पक्षी के बारे में कहा गया है कि यह वर्षा के पहली बूंदों को ही पीता है |सबसे रोचक बात तो यह है इस पक्षी के बारे में अगर यह पक्षी बहुत प्यासा है और इसे एक साफ़ पानी की झील में डाल दिया जाये तब भी यह पानी नहीं पीता है |यह अपनी चोंच बंद कर लेता है ताकि झील का पानी इसके मुंह में न जा सके |इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ़ नेचर (IUCN) लिस्ट के अनुसार यह पक्षी Least Concern वाली लिस्ट में शामिल है |इसका मतलब है कि फिलहाल इस प्रजाति को किसी खतरें का सामना नहीं करना पड़ रहा है तथा वर्तमान में यह लुप्त प्रजाति के अंतर्गत नहीं आती है |
Read More-Deepfake Technology:क्या होती है डीपफेक टेक्नोलॉजी और समाज के लिये कितनी खतरनाक है ?